डीएम तुषार सिंघला खुद बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि बाढ़ पीड़ित के लिए सरकारी जो सुविधा होती है, उसे सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने का लगातार जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
बेगूसराय में गंगा नदी कहर बरपा रही है। इसकी चपेट में कई गांव आ चुके हैं। लाखों लोग सुरक्षित ठिकानों पर जैसे-तैसे पलायन करने को मजबूर हैं। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से न सिर्फ एक गांव का दूसरे गांव से संपर्क टूट चुका है। बल्कि पूरा इलाका टापू में तब्दील हो गया है। यह हाल बेगूसराय के नगर निगम क्षेत्र के रामदीरी वार्ड नंबर 17 का है। हालत ऐसे है कि कई-कई दिनों से भूख से बिलखते लोग अपने बाल बच्चों के साथ कहीं पैदल तो कहीं तैरकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे।
जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं
इतना ही नहीं कुछ लोग तो घर के छत पर रहने को मजबूर हो चुके हैं। लोगों का कहना है कि वो कई दिनों से भूखे प्यासे हैं। लेकिन, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बाढ़ से उत्पन्न इस हालत को स्थानीय प्रशासन ही नहीं बल्कि सरकार तक पहुंचा कर आम लोगों को राहत दिलाया जाए। हर साल बाढ़ आती है और अपने साथ तबाही का मंजर भी साथ लाती है। वहीं तबाही के इस मंजर में ना जाने कितने आशियाने उजड़ जाते है।
तो कईयों की जिंदगी खत्म हो जाती है। जिला प्रशासन का कहना है कि गंगा में जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है। इस कारण गंगा से सटे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। डीएम तुषार सिंघला खुद बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि बाढ़ पीड़ित के लिए सरकारी जो सुविधा होती है, उसे सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने का लगातार जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
घरों में चूल्हा भी नहीं जल पाया है
इधर, मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के सिहमा और नगर निगम क्षेत्र के रामदीरी गांव में इन दिनों कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिल रहा है। जहां गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से पूरा गांव का इलाका जलमग्न हो चुका है। वहीं जिला मुख्यालय और कई गांव को जोड़ने वाली तमाम सड़कें जलमग्न हो गई है। जिससे आवगामान भी एक बड़ी समस्या बन गई है। बाढ़ से प्रभावित लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। जिसके कारण उनके घरों में पानी घुस आया है। इतना ही नहीं पिछले सात दिनों से उनके घरों में चूल्हा भी नहीं जल पाया है।
इसकी वजह से वो लोग भूखे प्यासे अपना दिन काट रहें है। हालत इतने बत्तर हो गए है कि खतरे को भांपते हुए लोग जैसे-जैसे भाग रहे है। सिंहमा और रामदीरी घनी आबादी का इलाका है। इस इलाके में किसान ही नहीं विभिन्न तबके के लोग रहते हैं। गुप्ता बांध से सटे इस इलाके की सड़कें जलमग्न हो चुकी है। इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी प्रकार कोई व्यवस्था नहीं कराई गई है। जिससे लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। जिस तरह गंगा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी ज्यादा बदतर होने वाली है।