बिहार के भागलपुर में यास का कम रहेगा असर, 50 KM की रफ्तार से चलेगी हवा
भागलपुर, बुधवार की अहले सुबह जहां झमाझम बारिश हुई। वहीं स्थान से रुक रुक कर लगातार हल्की बारिश तेज हवा के साथ हो रही है। भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में यास तूफान के कारण चारों ओर बादल छाया हुआ है। दिन में ही रात जैसी स्थिति है। हवा की रफ्तार धीरे धीरे बढ़ रहा है। रात्रि में जहां 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही थी। वहीं, सुबह में 20 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल रही है। कुछ घंटों बाद हवा की रफ्तार 50 किलोमीटर तक पहुंच सकती है जिससे पेड़ पौधे-झोपड़ी टावर आदि का नुकसान हो सकता है।
बदल गई यास की दिशा
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल अधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार की माने तो यास साइक्लोन की दिशा बदल जाने से भागलपुर और आसपास में थोड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि यास का मुख्य डायरेक्शन झारखंड के जमशेदपुर रांची हजारीबाग होते हुए पश्चिमी बिहार रोहतास भभुआ गया पटना जहानाबाद है। तकरीबन 400 किलोमीटर तक बाहरी क्षेत्र में साइक्लोन का असर होता है। उसी क्षेत्र में भागलपुर और आसपास है। यास का बाहरी असर यहां हो रहा है।
देश के विभिन्न प्रांतों में बुधवार से यास तूफान का कहर जारी है। इस तूफान का कहर जिन जगहों पर हुआ है वहां काफी नुकसान हुआ है और जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। भागलपुर जिले में भी यास तूफान का असर हो रहा है। बुधवार की देर सुबह जिले में जमकर 16 मिलीमीटर बारिश हुई। तेज हवा के साथ रिमझिम बारिश पूरी रात होती रही। इससे मौसम में पूरी तरह नमी आ गई। जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।
मौसम विभाग ने बताया हो सकता है नुकसान
मौसम विभाग ने लोगों से तूफान से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का अनुपालन करने की अपील की है।
जिसमें बताया गया है कि तूफान में तेज हवा, वज्रपात, भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने, निचले इलाकों में जलजमाव होने, मिट्टी युक्त घरों के गिरने, तथा फसल क्षति के अलावा मोबाइल टावर के नुकसान होने की आशंका जताई गई है।
ऐसे करें बचाव
इससे बचाव के लिए लोगों से पेड़ों के नीचे तथा कमजोर आधारभूत संरचनाओं के नीचे शरण नहीं लेने तथा न हीं पशुओं को वहां पर रखने की बात कही गई है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य अस्पतालों में चिकित्सीय सुविधा, प्राथमिक उपचार एवं जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता तथा अस्पतालों के एंबुलेंस तैयार कर लिया गया है।
सबौर बीडीओ प्रतीक राज कहते हैं कि 24 घंटा हम मोबाइल पर उपलब्ध है। किसी आपदा की जानकारी होते ही हर संभव मदद की जाएगी। यदि किसी प्रकार की क्षति जैसे मिट्टी के घर गिरने, कृषि क्षति, पशु के क्षति होने पर उसका आकलन एवं फोटो कराकर आपदा विभाग को सूचित करने के लिए भी निर्देश दिया गया है। लोगों को जानकारी दी जा रही है कि अत्यधिक वर्षा और वज्रपात होने की आशंका है ।ऐसे में पक्के घरों में लोग शरण लें। खिड़की, दरवाजे, बरामदे आदि समीप तथा छत पर न जाएं। सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहे। समूह में न खड़ा होकर बल्कि अलग-अलग खड़ा हों। तलाब और जलाशय के समीप जाने से बचे। बिजली के उपकरण या तार के साथ संपर्क करने से बचे और बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें। ऊंची इमारत तथा ऊंचे वृक्ष वाले क्षेत्रों में शरण ना लें। साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि न खड़ा हों। किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर प्रखंड, अंचल या जिला कहीं भी जानकारी दी जा सकती है। त्वरित सहयोग होगा।