बिहार के पूर्वी चंपारण के कई गांवों पर बाढ़ का कहर, लगातार हो रही बारिश से नदियों के बढ़ रहा जलस्‍तर

बिहार के पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर ब्‍लॉक के कई गांवों पर बाढ़ का कहर बरप रहा है। पिछले एक हफ्ते से लगतार हो रही बारिश ने हालात को गंभीर बना दिया है। लोगों के घर और आंगन नदी की तरह दिखने लगे हैं। बड़ी संख्‍या में लोग सड़कों और अन्‍य सुरक्षित स्‍थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं।

पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली, पताही और बंजरिया प्रखंड के गांवों में भी बाढ़ का पानी घुस गया। लगातार हो रही बारिश के चलते बागमती, सिकरहना और लालबकेया नदियां एक बार फिर उफान पर हैं। पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर ब्‍लॉक के कई गांवों के लोग सोमवार को सड़कों पर शरण लिए दिखे। बागमती और लालबकेया नदी की वजह से पताही प्रखंड के देवापुर के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। दोनों नदियों के बाढ़ का पानी गांव से पास टूटान से होकर पताही-शिवहर की सड़क पर बड़ी तेज गति से चार से पांच फीट तक बह रहा था। पताही प्रखंड के जिहली, देवापुर, खोरीपाकर, पदुमकेर, गोनाही, अलीशेरपुर, जरदहा, गुहरौल और रंगपुर गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है।

बताया जा रहा है कि नेपाल के तराई क्षेत्रों में पिछले एक हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से नदियों के जलस्‍तर में बढ़ोत्‍तरी हो गई है। बड़ी संख्‍या में ग्रामीणों को बाढ़ की मार झेलनी पड़ रही है। आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। बाढ़ के पानी से कई गांवों में धान की फसल डूब गई है। बाढ़ के पानी की वजह से कई गांवों के लोग बुरी तरह डरे हुए हैं।

सुपौल की एक दर्जन पंचायतों और सहरसा के दो दर्जन गांवों में घुसा पानी

लगातार बारिश व नेपाल से पानी आने के बाद कोसी व सीमांचल में बहने वाली नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। सोमवार को शाम 5 बजे बराज पर कोसी नदी में पानी का डिस्चार्ज 2 लाख 35 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। वहीं गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। गंगा में पानी मंगलवार तक ही बढ़ेगा लेकिन खतरे का निशान को पार नहीं करेगा। मंगलवार की शाम पांच बजे तक गंगा का जलस्तर 33.31 मीटर था। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अभी गंगा का जलस्तर चार घंटे पर एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। जो मंगलवार तक बढ़ने की संभावना है। लेकिन खतरे का निशान 33.71 मीटर से काफी कम ही रहेगा। गंगा के ऊपरी हिस्सों में जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है, जिसका प्रभाव मुंगेर जिले में दिख सकता है।

कोसी नदी में पानी बढ़ने से सुपौल की एक दर्जन पंचायतों में पानी फैल गया है। तटबंध के भीतर बसे लोगों का अभी बाहर निकलना शुरू नहीं हुआ है। अन्य नदियां तिलयुगा, बलान और खड़ग नदी का जलस्तर बढ़ने से दर्जनों गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है। सहरसा में दो दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। मधेपुरा के चौसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने सोमवार को मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया।

अररिया जिले में बकरा, परमान व नूना के जलस्तर में वृद्धि हुई है। कई गांवों में पानी घुस गया है। लोगों में दहशत का माहौल है। कई जगहों पर कटाव में तेजी आई है। फारबिसगंज शहर के दर्जनों दुकानों में बारिश का पानी घुसने से कारोबार प्रभावित है। कटिहार में तीन दिन के बाद फिर से महानन्दा, गंगा, कोसी, कारी कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। जल संसाधन विभाग के अभियंता तटबंध पर निगरानी बढ़ा दी है

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com