बिहार के मान्यता प्राप्त राजकीय अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने उन्हें सातवां वेतनमान देने का फैसला किया है। इसका लाभ एक जनवरी 2006 या इसके बाद 2011 के पूर्व नियुक्त कर्मियों को मिलेगा। मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में 49 एजेंडों पर मुहर लगी। इस बैठक में कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 को मंजूरी दी गई।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायतीराज और नगर निकाय संस्थानों के (नियोजित) शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसद की वृद्धि की है। साढ़े तीन लाख शिक्षकों को पहली अप्रैल 2021 से यह लाभ मिलने लगेगा। यह पहला मौका नहीं है। इसके पूर्व 2015 में वेतन में 20 फीसद, 2017 में सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा पर 17 फीसद और अब करीब 20 फीसद की वृद्धि हुई है। इस प्रकार 2015 से अब तक शिक्षकों के वेतन में करीब 57 फीसद की वृद्धि की गई है।
कल हुई बैठक में करोना महामारी को लेकर मेडिकल (एमबीबीएस और पीजी) की पढ़ाई कर रहे मेडिकल छात्र-छात्राओं को भी एक महीने के वेतन के बारबर अतिरिक्त राशि देने का फैसला किया गया। इसके अलावा पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी सेवा भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली 2020 के गठन के भी फैसले किए गए। बैठक में कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 को मंजूरी दी गई।