भारतीय टीम अगले महीने एशिया कप में हिस्सा लेने जाएगी लेकिन हो सकता है कि उन्हें बिना मुख्य प्रायोजक के खेलना पड़े। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025 को पारित हो गया जिसके बाद सभी ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर प्रतिबंध लग जाएगा। टीम इंडिया का मुख्य स्पॉन्सर ही ड्रीम 11 है जो कि एक फैंटेसी गेमिंग ऐप है।
भारतीय टीम को अगले महीने नौ सितंबर से शुरू हो रहे एशिया कप मे बिना मुख्य प्रायोजक के खेलना पड़ सकता है। राज्यसभा में गुरुवार को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025 को पारित हो गया, जिसके बाद सभी ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर प्रतिबंध लग जाएगा।
इस समय भारतीय टीम का मुख्य प्रायोजक ड्रीम 11 है, जो फैंटेसी गेमिंग ऐप है। 2023 में ड्रीम 11 ने बीसीसीआई के साथ तीन साल के लिए 358 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। जिसके बाद से भारतीय पुरुष, महिला और अंडर-19 टीम की जर्सी पर ड्रीम 11 का नाम लिखा जाता है।
बीसीसीआई अधिकारी ने क्या कहा
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘विधेयक पारित होने के बाद अब फैटेंसी ऐप्स पर रोक लग गई है। देखते हैं कि आगे क्या होता है। अगर एशिया कप से पहले भारतीय टीम को नया प्रायोजक नहीं मिलता है तो उसे बिना टाइटल स्पांसर के ही टूर्नामेंट खेलना होगा।’
बीसीसीआई को नहीं नुकसान
हालांकि ये करार तीन वर्ष का था और 2026 में समाप्त होना है। ऐसे में बीसीसीआई को अनुबंध की आधे से ज्यादा राशि तो प्राप्त हो चुकी है। अगर ये करार टूटता भी है तो बीसीसीआई को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा और उसे कोई नया प्रायोजक मिल जाएगा, लेकिन देखना है कि इसमें कितना समय लगता है।
हालांकि, बीसीसीआई से ज्यादा इसका असर खिलाडि़यों की कमाई पर पड़ेगा। रोहित शर्मा, केएल राहुल, रिषभ पंत समेत भारतीय टीम के लगभग सभी खिलाड़ी ड्रीम 11 के लिए विज्ञापन करते हैं और इसकी एवज में उन्हें मोटी रकम मिलती है।
आईपीएल तक होगा असर
ड्रीम 11 आईपीएल के प्रायोजकों में से एक है। इसके साथ ही दूसरी बड़ी ऑनलाइन फैंटेसी गेम ऐप माय 11 सर्किल का भी बीसीसीआई से करार है।
आईपीएल ने 2024 में पांच सीजन के लिए माय 11 सर्किल के साथ 625 करोड़ रुपये का करार किया था यानी प्रत्येक वर्ष 125 करोड़ रुपये कंपनी की ओर से बीसीसीआई को मिल रहे हैं। अभी सिर्फ दो सीजन ही गुजरे हैं और तीन सीजन का करार बाकी है।
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