पंजाब के बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह अब एक नए विवाद में फंस गए हैं। उनके बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बिना इजाजत विदेशों में ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) के माध्यम से करीब 18 मिलियन डॉलर जुटाए और फिर उसे मदिरा आईलैंड, पुर्तगाल के एक बैंक में जमाकर इस राशि को भारत में अपनी कंपनी राणा शुगर्स लिमिटेड के खाते में ट्रांसफर किया। ईडी ने मंत्री के बेटे को राडार पर लिया है। उसे 17 जनवरी को सम्मन कर बुलाया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने राणा इंद्र प्रताप सिंह को नोटिस भेजकर 17 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय को शंका है कि राणा गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह ने विदेशों में कंपनी के शेयर बेचकर गैर कानूनी तरीके से पैसा एकत्र किया। 1992 में राणा गुरजीत सिंह द्वारा स्थापित राणा शुगर्स लिमिटेड नाम की कंपनी के नाम पर इकट्ठा किया गया, जिसका मुख्यालय चंडीगढ़ में है। राणा गुरजीत सिंह के बेटे इंद्र प्रताप इस कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं।
सूत्रों के मुताबिक राणा इंदर प्रताप सिंह ने फेमा का उल्लंघन कर न केवल अवैध तरीके से पैसा जुटाया, बल्कि विदेशी निवेशकों के जरिये विदेशी बैंकों से उठाए कर्ज की गारंटी भी दी। राणा शुगर लिमिटेड ने भारतीय रिजर्व बैंक को इस राशि के बारे में कोई सूचना नहीं दी। जबकि फेमा नियमों के तहत रिजर्व बैंक को विदेशों में जुटाए धन की जानकारी देना जरूरी है।