बिकरू कांड के आरोपितों पर रासुका व गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने की पुलिस ने तैयारी की है। वहीं विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी के फरार तीनों भाइयों को न्यायालय ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ कुर्की का ऐलान करने के साथ घर के बाहर नोटिस चस्पा कराया है।
23 की हुई गिरफ्तारी, 12 का कोर्ट में सरेंडर
पुलिस ने सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के इस मामले में 21 नामजद आरोपितों के साथ प्रकाश में आए 21 आरोपितों पर कार्रवाई की है। कुल 42 आरोपितों में से छह एनकाउंटर में मारे गए हैं। ऐसे में बाकी बचे 36 आरोपितों में एक को छोड़कर सभी जेल में हैं। पुलिस और एसटीएफ ने 23 आरोपितों को सलाखों के पीछे भेजा है, जबकि 12 ने कोर्ट में सरेंडर किया था। आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि बिकरू कांड में पकड़े गए सभी आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर के साथ एनएसए की भी कार्रवाई की जाएगी। नियमानुसार पहला मुकदमा दर्ज होने के बाद एकत्र की गई संपत्ति गैंगस्टर लगते ही जब्त की जा सकती है। बिकरू के अधिकांश आरोपितों के खिलाफ पहला मुकदमा दो जुलाई का ही है, ऐसे में गैंगस्टर में निरुद्ध होने के बाद उनकी संपत्ति जब्त नहीं होगी।
जय व उसके भाइयों पर हो चुकी गैंगस्टर की कार्रवाई
जय ने विकास दुबे को हमले से एक दिन पहले असलहा, कारतूस के साथ वाहन और फंड मुहैया कराने में मदद की थी। इस मामले में पुलिस ने जय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद 31 जुलाई को जय और उसके तीनों भाइयों रजयकांत, अजयकांत और शोभित के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद से जय के तीनों भाई फरार हैं। एक महीने गुजर जाने के बाद पुलिस ने कोर्ट के माध्यम से आरोपितों के खिलाफ कुर्की कराने की प्रक्रिया शुरू की है।
सेंट्रल गवर्नमेंट एक्ट के तहत आइपीसी की धारा-174 (ए) में प्रावधान है कि किसी भी मामले में लोकसेवक या अदालती समन पर उपस्थित नहीं होने वाले के खिलाफ इस धारा के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसकी उपधाराओं के तहत छह माह से सात साल तक की सजा और अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान है। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि कोर्ट में हाजिर न होने पर आरोपितों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का मुकदमा कराया जाएगा। इसके बाद संपत्ति कुर्क कराई जाएगी।
कानून की दोहरी मार बना देगी कंगाल
नियम-कानून किनारे रख करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाने वाले जय और भाइयों को अब कानून ही बर्बाद करेगा। फरार भाइयों पर कुर्की की तलवार लटक गई है, इससे पहले गैंगस्टर लगने से संपत्ति जब्त करने की भी कार्रवाई प्रक्रिया में है। कानून की यह दोहरी मार चारों भाइयों को कंगाल बना देगी। कुर्की में चल संपत्ति, जब्तीकरण की कार्रवाई में चल-अचल दोनों संपत्ति जाएगी। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि जब्तीकरण की कार्रवाई में पुलिस प्रकाश में आए सभी 11 मकानों में ताला डाल देगी। जय के कई घरों में रह लोगों को पहले कुछ दिनों की मोहलत दी जाएगी।
न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए सौरभ भदौरिया
जय बाजपेयी के खिलाफ संपत्ति के मामले में सबसे अधिक सुबूत देने वाले सौरभ भदौरिया मंगलवार को न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए। सौरभ ने न्यायिक आयोग में शपथ पत्र दिया, जिसमें कहा गया गया है कि विकास दुबे की काली कमाई से जय बाजपेयी कुछ ही वर्षों में करोड़ों में खेलने लगा। जय के खिलाफ कई बार जांचें हुईं। उसे दोषी ठहराया गया, लेकिन कुछ पुलिस वाले लगातार उसकी मदद करते रहे और उसे बचाते रहे।
सौरभ ने आठ बिंदुओं में दी गई जानकारी में जय के आर्थिक साम्राज्य के बारे में प्रमुखता से जानकारी दी है। यह भी आशंका व्यक्त की है कि पूर्व में भी वह कई बड़े घोटालों का गवाह रहने के कारण उसे जान का खतरा है। पुलिस उसे सुरक्षा नहीं दे रही है।