प्रदेश की कई जेलें बारूद के मुहाने पर हैं, जहां बंद बाहुबली अपनी हुकूमत चलाते हैं। इन जेलों में कई स्तर पर सुरक्षा-व्यवस्था में बड़ी खामियां भी हैं। जेलों में सुधार के लिए पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के नेतृत्व में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कारागार सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बिंदुवार सिफारिशें की हैं। सुलखान सिंह ने गुरुवार को करीब 125 पन्नों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है।
उल्लेखनीय है कि नौ जुलाई को बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दुस्साहसिक हत्याकांड का आरोपित सुनील राठी बागपत जेल में बंद था और वहां उसका सिक्का चलता था। वारदात ने जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किये थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जेलों में सुधार सुधार के लिए गठित की थी।
सुलखान सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति में पूर्व अपर महानिदेशक कारागार हरिशंकर व अपर महानिरीक्षक कारागार डॉ.शरद बतौर सदस्य शामिल किये गए थे। समिति ने बागपत जेल सहित कई बड़ी जेलों का दौरा किया था। सुलखान सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को समिति की रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि उसके बिंदुओं को लेकर उन्होंने कुछ कहने से इन्कार कर दिया।
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