शाहरुख खान और काजोल की चर्चित फिल्म बाजीगर के 25 साल पूरे हो चुके हैं. ये फिल्म 12 नवंबर 1993 को रिलीज हुई थी. इसे अब्बास-मस्तान ने निर्देशित किया था. मस्तान ने फिल्म से जुड़ी कई दिलचस्प बातें पीटीआई को दिए इंटरव्यू में शेयर कीं.
मस्तान ने बताया कि क्यों शाहरुख के फिल्म साइन करने से पहले इसे अनिल कपूर और सलमान खान ने ठुकरा दी थी. वे विलेन का रोल नहीं करना चाहते थे. साथ ही यह भी कि फिल्म के दो क्लाईमैक्स क्यों शूट किए गए.
मस्तान ने कहा- इस फिल्म को ना केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी. बहरहाल, इस फिल्म का निर्माण कठिन था। इसका मुहुर्त दिसंबर 1992 में हो गया था और जल्द ही शूटिंग शुरू होने वाली थी. छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में दंगे भड़कने के बाद फिल्म का काम रुका गया.
उन्होंने बताया कि कुछ वक्त रूकने के बाद मार्च के अंत में हमने इस फिल्म की शूटिंग शुरू की और मई-जून में काम समाप्त करने के बाद दीवाली पर फिल्म को रिलीज करने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि राखी गुलजार का कहना था फिल्म का अंत अलग होना चाहिए क्योंकि अंत दर्शकों को पसंद नहीं आयेगा. बहुत सारे वितरकों का कहना था कि नायक को मरना नहीं चाहिए बल्कि पुलिस आ कर उसे गिरफ्तार करे.
मस्तान ने बताया कि इसलिए हमने दोनों अंत फिल्माए थे. हम लोगों ने महसूस किया शाहरूख को गिरफ्तार करने वाले अंत में चरित्र के ग्राफ को सही तरीके से नहीं दर्शाया जा सकता है.
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