आम तौर पर युवा आबादी कम उम्र में ही कमाई करने में यकीन रखती है, लेकिन उन्हें सेविंग की उतनी फिक्र नहीं होती। हालांकि अगर कम उम्र में नौकरी के साथ सेविंग की शुरुआत न केवल आपके रिटायरमेंट को सुखद बना सकती है बल्कि अन्य फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को भी आसानी से निपटाया जा सकता है। इस खबर में ऐसी ही योजना के बारे में बताएंगे, जिसमें आप मामूली निवेश कर रिटायरमेंट के बाद अच्छी खासी पेंशन पा सकते हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) योजना में कम उम्र में शुरू किया निवेश, लंबे समय में उम्मीद से अधिक का रिटर्न दे सकता है। क्या है नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस)? बचत के लिहाज से नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को एक बेहतर विकल्प माना जाता है। नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। सरकार ने देश भर में पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) बनाए हैं, जिनमें एनपीएस अकाउंट खुलवाया जा सकता है। देश के लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को पीओपी बनाया गया है। इस योजना में निवेश 18 वर्ष की उम्र से लेकर 65 वर्ष से पहले तक किया जा सकता है। टैक्स छूट का मिलता है फायदा? एनपीएस इइटी के अंतर्गत यानी “एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट, टैक्स” टैक्स स्ट्रक्चर की श्रेणी में आता है। इसका मतलब एनपीएस में योगदान और कॉर्पस में वृद्धि पर छूट मिलती है, लेकिन एकमुश्त राशि की निकासी पर आंशिक रुप से कर लगता है। एनपीएस में परिपक्वता राशि में से 40 फीसद से अधिक धनराशि पर कर लगता है।

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आम तौर पर युवा आबादी कम उम्र में ही कमाई करने में यकीन रआम तौर पर युवा आबादी कम उम्र में ही कमाई करने में यकीन रखती है, लेकिन उन्हें सेविंग की उतनी फिक्र नहीं होती। हालांकि अगर कम उम्र में नौकरी के साथ सेविंग की शुरुआत न केवल आपके रिटायरमेंट को सुखद बना सकती है बल्कि अन्य फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को भी आसानी से निपटाया जा सकता है।  इस खबर में ऐसी ही योजना के बारे में बताएंगे, जिसमें आप मामूली निवेश कर रिटायरमेंट के बाद अच्छी खासी पेंशन पा सकते हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) योजना में कम उम्र में शुरू किया निवेश, लंबे समय में उम्मीद से अधिक का रिटर्न दे सकता है।  क्या है नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस)?  बचत के लिहाज से नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को एक बेहतर विकल्प माना जाता है। नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। सरकार ने देश भर में पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) बनाए हैं, जिनमें एनपीएस अकाउंट खुलवाया जा सकता है। देश के लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को पीओपी बनाया गया है। इस योजना में निवेश 18 वर्ष की उम्र से लेकर 65 वर्ष से पहले तक किया जा सकता है।  टैक्स छूट का मिलता है फायदा? एनपीएस इइटी के अंतर्गत यानी “एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट, टैक्स” टैक्स स्ट्रक्चर की श्रेणी में आता है। इसका मतलब एनपीएस में योगदान और कॉर्पस में वृद्धि पर छूट मिलती है, लेकिन एकमुश्त राशि की निकासी पर आंशिक रुप से कर लगता है। एनपीएस में परिपक्वता राशि में से 40 फीसद से अधिक धनराशि पर कर लगता है।खती है, लेकिन उन्हें सेविंग की उतनी फिक्र नहीं होती। हालांकि अगर कम उम्र में नौकरी के साथ सेविंग की शुरुआत न केवल आपके रिटायरमेंट को सुखद बना सकती है बल्कि अन्य फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को भी आसानी से निपटाया जा सकता है।

इस खबर में ऐसी ही योजना के बारे में बताएंगे, जिसमें आप मामूली निवेश कर रिटायरमेंट के बाद अच्छी खासी पेंशन पा सकते हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) योजना में कम उम्र में शुरू किया निवेश, लंबे समय में उम्मीद से अधिक का रिटर्न दे सकता है।

क्या है नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस)?

बचत के लिहाज से नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को एक बेहतर विकल्प माना जाता है। नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। सरकार ने देश भर में पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) बनाए हैं, जिनमें एनपीएस अकाउंट खुलवाया जा सकता है। देश के लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को पीओपी बनाया गया है। इस योजना में निवेश 18 वर्ष की उम्र से लेकर 65 वर्ष से पहले तक किया जा सकता है।

टैक्स छूट का मिलता है फायदा?

एनपीएस इइटी के अंतर्गत यानी “एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट, टैक्स” टैक्स स्ट्रक्चर की श्रेणी में आता है। इसका मतलब एनपीएस में योगदान और कॉर्पस में वृद्धि पर छूट मिलती है, लेकिन एकमुश्त राशि की निकासी पर आंशिक रुप से कर लगता है। एनपीएस में परिपक्वता राशि में से 40 फीसद से अधिक धनराशि पर कर लगता है।

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