कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह को बस सूची फर्जीवाड़ा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है.

संदीप सिंह और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी.
संदीप सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज़मानत याचिका दाखिल की थी. संदीप सिंह की याचिका पर हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. शुक्रवार को न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने संदीप की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली.
असल में, उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस में कोरोना लॉकडाउन के वक्त प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर खूब खींचतान चली थी. कांग्रेस ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए एक हजार बस देने के लिए यूपी की योगी सरकार को पत्र लिखा था. इस पर सरकारी अधिकारियों ने बसों की पूरी डिटेल मांगी. कांग्रेस की तरफ से जो लिस्ट दी गई, जिसमें कई खामियां बताई गईं.
जांच के बाद लखनऊ पुलिस ने बसों के नंबर, परमिट में धोखाधड़ी को लेकर प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर केस दर्ज किया था. इस मामले में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू गिरफ्तार हुए.
हालांकि संदीप सिंह अभी तक गिरफ्तार नहीं किए गए थे. गिरफ्तारी से बचने के लिए संदीप सिंह ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने संदीप सिंह की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली.
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