नई दिल्ली। पिछले तीन साल से अव्यवस्था के शिकार लाल किले की दशा अब सुधरेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की महानिदेशक ऊषा शर्मा ने इसे गोद लिया है। लाल किले की बेहतरी के लिए बड़े स्तर पर कार्य किए जाने की योजना है। इसके अंदर के छह स्मारको में संरक्षण कार्य की शुरुआत हो गई है। खाली पड़े प्लाट में सुंदर पार्क विकसित किए जाएंगे। आजादी के बाद यहां बनाए गए 140 ढांचे तोड़े जाएंगे। पुस्तक घर, प्याऊ के साथ-साथ शौचालय भी बेहतर किए जाएंगे।
दीवान-ए-खास मे शुरू हुआ कार्य
दीवान-ए- खास की छत से पानी का रिसाव बंद करने के लिए काम शुरू हो गया है। लंबे समय तक चले संरक्षण कार्य के बाद भी इस स्मारक की छत ठीक नहीं हो सकी है। इस स्मारक का रासायनिक संरक्षण कार्य (केमिकल ट्रीटमेंट) भी शुरू कर दिया गया है।
रंग महल जनता के लिए खुला
रंग महल में लगभग एक साल से प्रवेश बंद था। जर्जर होने के कारण इसे जनता के लिए बंद किया गया था। डेढ़ साल पहले इसका एक तरफ का छज्जा गिर गया था और मुगलकालीन जालियां टूट गईं थीं। अब छज्जे का कार्य पूरा हो गया है। मुगलकालीन जालियां ठीक कराने के लिए कारीगरों की तलाश की जा रही है। इसे जनता के लिए खोल दिया गया है।
तीन स्मारकों में शुरू हुआ चूना प्लास्टर का कार्य
मोती मस्जिद, नौबतखाना व खास महल मे चूना प्लास्टर का कार्य शुरू कर दिया गया है। मोती मस्जिद में यह कार्य कई साल के बाद कराया जा रहा है। खास महल भी काफी समय से उपेक्षित था। नौबतखाना में 2010 में पहली बार चूना प्लास्टर कराया गया था। विवाद होने के कारण कार्य बीच में रोक दिया गया था।
लाहौरी गेट पर 30 साल बाद हो रहा केमिकल ट्रीटमेंट
लाहौरी गेट के ऊपरी भाग तक 30 साल के बाद केमिकल ट्रीटमेंट किया जा रहा है। बांस की बल्लियां बांध कर यह कार्य किया जा रहा है जो बेहद जटिल व जोखिम भरा है।
छत्ता में खोजी गई मुगलकालीन चित्रकला
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने लाल किले के छत्ता बाजार में मुगलकालीन चित्रकारी को खोज निकाला है। इस पर वर्षों से पोताई की जा रही थी। एएसआइ इन्हें वास्तविक स्थिति में संरक्षित करेगा।