उत्तराखंड में बारिश लगातार आफत बनकर बरस रही है। चमोली में रातभर से जारी बारिश से बदरीनाथ हाइवे पीपलकोटी, अगथला और लामबगड में बंद हो गया। यात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, रुद्रप्रयाग जिले में रातभर हुई बारिश से गौरीकुंड हाइवे बांसवाडा में अवरुद्ध है। मौसम विभाग के मुताबिक पांच जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
उत्तराखंड में लगातार बारिश का दौर जारी है, जिससे आमजन के सामने तमाम दुश्वारियां खड़ी हो गई हैं। हालांकि शनिवार को बारिश का छिटपुट दौर चला, लेकिन मुसीबतें कम नहीं हुई। जहां दो दिन पहले बादल फटने से सहमे चमोली और टिहरी जिले के दर्जनों गांवों के लोग सहमे हुए हैं। चमोली जिले के देवाल विकासखंड के फल्दियागांव में मलबे में दफन मां-बेटी का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चल पाया। रेस्क्यू टीमें खोजबीन में जुटी हैं। टिहरी जिले के थार्ती गांव में आपदा के कहर के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। बारिश के चलते राज्य में गंगा समेत ज्यादातर नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। बरसाती नालों के उफान पर होने से ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है।
देवाल क्षेत्र में वीरवार की रात बादल फटने से व्यापक पैमाने पर क्षति हुई थी। बरसाती नाले के उफान के साथ आए मलबे ने मां-बेटी जिंदा दफन हो गए थे, शुक्रवार सुबह से उनकी खोजबीन चल रही है, अब तक कुछ पता नहीं चल पाया। आपदा प्रबंधन विभाग की टीम अभी प्रभावित क्षेत्र में डटी हुई है।
12 परिवारों को स्वास्थ्य केंद्र में शरण
फल्दियागांव के आपदा प्रभावित 12 परिवारों के 45 लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन में ठहराया गया है। पहले इन्हें जूनियर हाईस्कूल में ठहराया गया था। शिक्षण कार्य प्रभावित न हो, इसलिए उन्हें अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। उनके खाने की व्यवस्था भी वहीं पर की गई है। इस बीच, जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावितों को त्वरित राहत के रूप में 3800 रुपये दिए।
अलकनंदा में बहे युवक का नहीं चला पता
शनिवार सुबह श्रीनगर से कुछ दूर फरासू में अलकनंदा में बहे युवक का भी कुछ पता नहीं चल पाया। सड़क किनारे खड़ा यह युवक पुश्ता ढहने की कारण खाई में लुढककर अलकनंदा की लहरों में गुम हो गया था।
राज्य में 64 संपर्क मार्ग बंद
आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण केंद्र की जानकारी के मुताबिक राज्य में 74 मार्ग अवरुद्ध हैं। इनमें सबसे ज्यादा मार्ग चमोली में हैं। इनकी संख्या 31 है। देहरादून में 13, पौड़ी में 4, उत्तरकाशी में 5, बागेश्वर में 6 और पिथौरागढ में 8 मार्ग बंद हैं।
नदियां खतरे के निशान के करीब
पिछले कुछ दिनों के अंतराल में रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदियां का जलस्तर बढ़ा हुआ है। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से दो मीटर, बागेश्वर में सरयू आधा मीटर, चंपावत में शारदा नदी डेढ़ मीटर नीचे बह रही है। जिला प्रशासन ने इनके किनारे की बस्तियों को सचेत किया है।
13 और 14 अगस्त भारी बारिश के आसार
राज्य मौसम केंद्र ने 13 और 14 अगस्त को सात जिलों देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, नैनीताल और पौड़ी में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इससे पहले 11 और 12 अगस्त को चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, व पौड़ी में तीव्र बौछारें पडऩे की संभावना जताई है।
मानसरोवर यात्रा मार्ग बंद
सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में भारी बारिश से कैलास मानसरोवर और थल-मुनस्यारी मार्ग बंद हो गए हैं। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में धारचूला से चार किमी आगे दोबाट के पास विशाल बोल्डर सड़क पर गिरा है। मार्ग के शीघ्र खुलने के आसार नहीं है। इसके चलते एलागाड़ से के साथ ही व्यास और दारमा के धारचूला आए लोग फंस गए हैं। रांथी ग्राम पंचायत के मल्ला तांथर प्राथमिक विद्यालय का आंगन बह गया है। थल -मुनस्यारी मार्ग वनिक और रातापानी के पास मलबा आने के कारण दो दिन से बंद है। यहां सौ से अधिक वाहन फंसे हुए हैं।