लुधियाना: राज्य जी.एस.टी. विभाग में अधिकारियों को पसंदीदा जिले हासिल कराने के नाम पर हो रही कथित धांधली चर्चा का विषय गर्माया हुआ है। सूत्रों के अनुसार इसी सन्दर्भ में एक उच्चाधिकारी के खास इंस्पैक्टर उर्फ पी.ए. को अचानक एक सिंगल ऑर्डर के तहत पटियाला से ट्रांसफर कर दिया गया है।
जानकारी मिली है कि उक्त इंस्पैक्टर अधिकारियों से बदलियों व मनचाहे जिलों के लिए पैसे वसूल कर गैर-जरूरी अधिकारियों को पसंदीदा जिलों में तैनात करवा रहा था। इसे लेकर विभाग के ईमानदार अधिकारियों में काफी राहत मिली है क्योंकि इससे कई काबिल अधिकारी दूरस्थ या छोटे जिलों में लंबे समय तक फंसे रहते थे, जबकि कई सिफारशी अधिकारी बड़े व मुख्य स्टेशनों पर बने रहते थे।
वहीं यह भी जांच का विषय है कि इंस्पैक्टर स्तर का अधिकारी किस की शह पर और ट्रांसफर रुकवा और करवा रहा था, उक्त किस उच्च अधिकारी के साथ मिलकर बदलियों का नेटवर्क चला रहा था। साथ ही उच्चाधिकारी के खिलाफ डिपार्टौंटल इन्क्वायरी होनी चाहिए या विजिलेंस ब्यूरो को ट्रांसफर धांधली के पीछे मास्टरमाइंड पर बनती कार्रवाई करनी चाहिए।
एक स्थानीय कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लुधियाना स्टेशन में कई ऐसे अधिकारी हैं जो लंबे समय से यहीं स्थिर हैं और अधिकतर अधिकारी इस बड़े स्टेशन से हटना ही पसंद नहीं करते। अधिकारियों का कारोबारियों के साथ अच्छी सांठ-गांठ बनी होने के कारण ही ये अधिकारी लुधियाना में टिके रहते हैं। इससे अधिकारियों को कानून का अनुपालन करने में ये अधिकारी ढील देते हैं, जिसके एवज में अधिकारी उक्त अधिकारियों की जरूरतों का ध्यान रखते है।
लुधियाना के कारोबारियों ने अधिकारियों की स्थायी तैनाती पर लगाई आपत्ति
एक कारोबारी ने लुधियाना जिले में पदस्थ कुछ अधिकारियों की 5 से 6 वर्षों से स्थायी तैनाती को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि ये अधिकारी बिना विभागीय ट्रांसफर नीति का पालन किए लंबे समय से एक ही शहर में जमे हुए हैं और इसी दौरान कई अधिकारी लुधियाना में रहकर लगातार प्रमोशन भी प्राप्त कर चुके हैं।
कारोबार ने इस स्थिति को प्रशासनिक अनियमितता बताते हुए पंजाब सरकार, मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंजाब के मुख्य सचिव को लिखित शिकायत भी सौंपी है। शिकायत में पूछा गया है कि इन अधिकारियों को इतनी लंबी अवधि तक एक ही जिले और पद पर नियुक्त रखने के पीछे क्या कारण है और वे किस आधार पर ट्रांसफर नीति का उल्लंघन कर प्रदेश के अन्य हिस्सों में तैनाती से बच रहे हैं।
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