देशभर में 15 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक महिला का ट्वीट वायरल हो रहा है जिसमें वह दावा कर रही है कि उसके बच्चे को एक्सपायरी डेट वाला टीका लगा दिया गया है। हालांकि कुछ लोग इस दावे के समर्थन में नजर आ रहे हैं तो कुछ लोगों ने बताया कि टीका एक्सपायर नहीं हुआ है बल्कि उसकी डेट बढ़ाई जा चुकी है।
दरअसल, ट्विटर पर नवनीता नामक महिला ने लिखा, ‘मेरा बेटा टीका लेने गया लेकिन मैंने महसूस किया कि इस टीके की एक्सपायरी डेट नवंबर में ही समाप्त हो चुकी है। लेकिन फिर एक लेटर दिखाया गया जिसमें बताया गया कि टीके की शेल्फ लाइफ बढ़ा दी गई है! कैसे, क्यों, किस आधार पर? स्टॉक क्लियर करने के लिए बच्चों पर एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है क्या?’
इसके बाद यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या यह सही बात है। लेकिन इसके उलट यह बताया जा रहा है कि यह टीका एक्सपायरी डेट का नहीं है बल्कि इसकी शेल्फ लाइफ डेट पहले ही बढ़ाई जा चुकी है। इस ट्वीट के साथ ही प्रमुख वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक का एक ट्वीट भी अटैक वायरल हुआ है। जिसमें निर्माता को डीजीसीआई ने वैक्सीन स्टॉक को री-लेबल करने की अनुमति दी हुई है। पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की एक्सपायरी अवधि 9 महीने थी, जिसे अब बढ़ाकर 12 महीने किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कोवैक्सीन को री-लेबल करने के लिए भारत बायोटेक अस्पतालों में रखे वैक्सीन के स्टॉक को वापस भी मंगवा रहा है। अब इस स्टॉक को री-लेबल किया जाएगा। इसकी एक्सपायरी अवधि बढ़ाने का लेवल लगाने के बाद इसे जरूरत वाली जगहों पर भेजा जाएगा। भारत बायोटेक इस्तेमाल नहीं हुए टीकों के स्टॉक को उठा रहा है और उनकी एक्सपायरी अवधि अपडेट कर रहा है।’
बता दें कि डीजीसीआई ने स्टडी के बाद ही एक्सपायरी डेट बढ़ाने की अनुमति दी थी। अब यह टीका 12 महीने तक इस्तेमाल किए जाने लायक होगा। डीसीजीआई को सौंपे गए स्टडी के आंकड़ों के बाद यह फैसला लिया गया है। इस स्टॉक का उपयोग बच्चों के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान के लिए भी किया जाएगा।