नई दिल्ली। अब अगर कोई पासपोर्ट में अपने पिता का नाम नहीं लिखना चाहता है। तो उस पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने पासपोर्ट को लेकर बड़ा फैसला किया है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को पिता के नाम के बगैर ही याचिकाकर्ता को तीन कार्य दिवस के भीतर पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया है।
पासपोर्ट में अब पिता का नाम जरुरी नहीं
हाईकोर्ट ने पासपोर्ट कार्यालय को अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव करने का निर्देश दिया है। पेश मामले में मेलबार्न (ऑस्ट्रेलिया) में पढ़ाई कर रहे एक युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका के मुताबिक उसे 2007 में पासपोर्ट जारी किया गया था। जिसके नवीनीकरण के लिए उसने आवेदन किया था। युवक की मानें तो उसने अपने जैविक पिता का नाम आवेदन में इसलिए नहीं लिखा, क्योंकि उसके माता-पिता का तलाक हो गया है।नाम न लिखने पर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने नवीनीकरण करने से इंकार कर दिया। पूर्व में जारी पासपोर्ट भी जमा कराने का निर्देश दिया।
उसके मुताबिक यदि उसे पासपोर्ट जारी नहीं किया गया, तो ऑस्ट्रेलिया में उसकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पाएगी। अदालत पासपोर्ट कार्यालय को उसका पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दे।
इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। उन्हें अगर फिल्मों की बात करें, तो कई ऐसी फ़िल्में हैं जिनमें इस तरह का मुद्दा उठाया है।
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