बंद हो जायेगा ये रेडियो स्टेशन, नाम जान के आप हो जायेंगे हैरान!

303.03 मीटर यानी 909 किलोहर्ट्ज पर यह खामोशी की तरफ बढ़ता आकाशवाणी का गोरखपुर केंद्र है। जिन लोगों ने गोरखपुर आकाशवाणी के स्वर्णिम अतीत को देखा और सुना है, उन्हें जानकार निराशा होगी कि चार दशक तक उनके दिलों पर राज करने वाली यह आकाशवाणी अब खामोश होने की राह पर बढ़ चली है।

इसके प्रसारण का दायरा तो पहले ही कम हो गया था लेकिन बीते एक सप्ताह से इसकी आवाज श्रोताओं तक पहुंचना तो दूर आकाशवाणी परिसर में भी नहीं सुनाई दे रही। अगर यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब गोरखपुर का आकाशवाणी केंद्र प्रसारण की दुनिया के इतिहास के पन्नों तक सिमट कर रह जाएगा। कभी देश-विदेश तक इसकी आवाज गूंजती थी। आज परिसर में ही प्रसारण नहीं सुनाई दे रहा है।

कभी फिराक, कैफी, मन्ना डे से सजा था स्टूडियो

केंद्राध्यक्ष आकाशवाणी एके शर्मा ने बताया कि तकनीक की दौड़ के बीच यहां की मशीनें काफी पुरानी हैं इसलिए प्रसारण में दिक्कत हो रही है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी है। नई आधुनिक मशीनों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है।

मशीन मिलते ही प्रसारण में सुधार हो जाएगा। आकाशवाणी गोरखपुर का स्टूडियो देश की कई नामचीन हस्तियों की यादों को संजोए हुए है। इस स्टूडियो में फिराक गोरखपुरी और कैफी आजमी की शायरी गूंजी है तो पं. जसराज और मन्ना डे का सुर भी सजा है। पं. किशन महराज, ख्वाजा अहमद अब्बास, उस्ताद अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, तीजन बाई जैसे राष्ट्रीय कलाकारों की दस्तक भी यहां के स्टूडियो में हो चुकी है।

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