बयान के मुताबिक, इन गुमनाम नायकों की कब्र के संरक्षक ‘‘राष्ट्रमंडल युद्ध कब्र आयोग कार्यालय’’ (सीडब्ल्यूडब्ल्यूजीसी) ने फ्रांसीसी सरकार और फ्रांस में भारतीय दूतावास के साथ परामर्श के बाद लावेंती सैन्य कब्रिस्तान में उन्हें पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ दफनाने का फैसला किया.

गौरतलब है कि प्रथम विश्वयुद्ध के समय गढ़वाल राइफल को 39 गढ़वाल राइफल के नाम से जाना जाता था. प्रथम विश्व युद्ध में भेजे गये गढ़वाली सैनिकों के शौर्य पराक्रम को देखते हुए युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने 39 गढ़वाल राइफल्स का नाम बदलकर 39 रॉयल गढ़वाल राइफल्स कर दिया था. आजादी के बाद इसमें से रॉयल शब्द हटाकर सिर्फ गढ़वाल रायफल्स कर दिया गया. प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस में मारे गये नायक दरबान सिंह नेगी और राइफल मैन गब्बर सिंह नेगी को मरणोपरांत विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था. इस युद्ध में गढ़वाल राइफल्स के कुल 678 जवान शहीद हुए थे.