फोकस्ड फंड ने एक साल में दिया 11.73 फीसद का रिटर्न, बेंचमार्क से हुआ सिर्फ 6 फीसद का मुनाफा

बाजार निचले स्तर से अब ऊपर आ चुका है। बिजनेस धीरे -धीरे खुल रहा है। ऐसे में अगर आपने म्युचुअल फंड के फोकस्ड फंड स्कीम में निवेश किया होगा, तो आपको अच्छा लाभ मिला होगा। आंकड़े बताते हैं कि एक साल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फोकस्ड फंड ने 11.73 फीसद रिटर्न दिया है। एचडीएफसी फोकस्ड 30 फंड ने इसी अवधि में -2.01 फीसद, कोटक फोकस्ड इक्विटी फंड ने 4.15 फीसद, बिरला सन लाइफ फोकस्ड इक्विटी फंड ने 6.85 फीसद और एसबीआई फोकस्ड फंड ने 10.29 फीसद का रिटर्न दिया है। इसके अलावा एसएंडपी बीएसई 500 टीआरआई रिटर्न इंडेक्स ने 6.12 फीसद और कैटिगरी पीयर ग्रुप ने 7.87 फीसद का रिटर्न दिया है।

आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से लेकर 20 अगस्त तक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फोकस्ड ने 8.28 फीसद का रिटर्न दिया है। जबकि एचडीएफसी फोकस्ड फंड ने -10.26 फीसद, कोटक फोकस्ड इक्विटी फंड ने -4.35 फीसद, बिरला सन लाइफ फोकस्ड इक्विटी फंड ने -4.28 फीसद और एसबीआई फोकस्ड ने -3.29 फीसद का रिटर्न दिया है। इसी अवधि में इसके बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई 500 टीआरआई रिटर्न इंडेक्स ने -4.02 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

इक्विटी म्युचुअल फंड कैटिगरी में फोकस्ड इक्विटी फंड्स निवेशकों का पसंदीदा फंड है। यह फंड ज्यादा से ज्यादा 30 स्टॉक में निवेश करता है। इस फंड का उद्देश्य कम स्टॉक में निवेश कर ज्यादा लाभ देने का होता है। इनमें संभावित रूप से मजबूत वृद्धि का अवसर होता है। एक फंड मैनेजर इस तरह की स्कीम में अतिरिक्त रिटर्न के लिए लगातार अपना फोकस बनाए रखता है। यह स्कीम तमाम अलग-अलग सेक्टर्स में अपना एक्सपोजर रखती है। इस स्कीम का ओरिएंटेशन मल्टी कैप होता है।

अपने वैल्यू केंद्रित चयन के लिए फेमस आईप्रू फोकस्ड फंड मैनेजर मृणाल सिंह अनिश्चितताओं से निपटने के लिए एक अलग तरीके से रोबस्ट पोर्टफोलियो को तैयार करते हैं। इस तरह की रणनीति का पालन करने का फायदा यह है कि अगर ऊंचे दर्जे वाले स्टॉक अपने आपको सही साबित कर रहे हैं, तो इससे काफी लाभ अर्जित किया जा सकता है और अगर समय पर ये स्टॉक ठीक से परफॉर्म नहीं कर पाए, तो पोर्टफोलियो को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि बेस्ट फोकस वाली स्कीम को चुनें। एक ऐसी स्कीम जो उतार-चढ़ाव वाले बाजार में जोखिम लेकर अच्छा रिटर्न प्रदान करे।

फंड मैनेजर कहते हैं कि फोकस स्कीम चुनने में सबसे महत्वपूर्ण है कि जोखिम प्रबंधन की प्रक्रियाओं का मूल्यांकन किया जाए। हालांकि, यह फंड मैनेजर की क्षमता पर निर्भर होता है। आंकड़े बताते हैं कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल जैसे फोकस्ड इक्विटी फंड ने इसलिए बेहतर प्रदर्शन किया क्योंकि इसके फंड मैनेजर की रणनीति सही थी।

जब भी बात पोर्टफोलियो बनाने की आती है तो फंड मैनेजर्स पोर्टफोलियो पर फोकस करते हैं। यह फोकस कंपनियों की मजबूत वित्तीय स्थितियों और बेहतर आय पर होता है। इससे कंपनी की वृद्धि और अन्य बातों का पता चलता है। इस स्कीम की एक और महत्वपूर्ण बात होती है कि इसका ज्यादा एक्सपोजर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर केंद्रित कंपनियों में होता है।

ऐसा इसलिए क्योंकि मांग बढ़ने पर यह कंपनियां ज्यादा बेहतर स्थिति में रहती हैं। इस स्कीम का एक्सपोजर वर्तमान में डिफेंसिव सेक्टर और बैंकिंग व फाइनेंशियल में है, जो अंडरवेट है। इसलिए निवेशक अगर इस स्कीम में नया निवेश करना चाहता है तो वे एसआईपी का सहारा ले सकते हैं, जो कम से कम पांच सालों के आधार पर हो, क्योंकि लंबे समय का निवेश ही आपको फायदा देता है।

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