कैलिफोर्निया – यदि आपको लगता है कि फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग के ऑफिस में काम करना आसान है, तो इस भ्र्म को दूर कर लीजिए , क्योंकि फेसबुक के अपनी नियम कायदे हैं जिनका पालन करना जरुरी है . यदि नियमों से छेड़छाड़ होती है तो मार्क इसे बर्दाश्त नहीं करते है.फेसबुक के पूर्व एडवर्टाइजिंग मैनेजर एंटोनिया गार्सिया जिन्हे दो साल पहले निकाल दिया गया था एंटोनिया ने कुछ ऐसा ही अनुभव किया जिसे उन्होंने अपनी किताब में इसका उल्लेख किया है. जिनमें मार्क जुकरबर्ग के नियमों और अनुशासन की झलक दिखाई देती है.
फेसबुक ऑफिस में पहनावे पर कड़ा शासन
किताब में बताया गया कि महिला कर्मचारियों को ऐसे कपड़े पहनने से मना किया गया है जो पुरुषों का ध्यान भटकाए. महिला कर्मचारियों को ड्रेस कोड का पालन करना जरुरी है. अगर स्कर्ट छोटे हैं तो उन्हें एक तरफ लेकर समझा दिया जाता है कि यह उनका रॉयट एक्ट है. स्टाफ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इंटरनल पुलिस फ़ोर्स है. किताब में बताया कि जुकरबर्ग को गोपनीयता का जूनून सवार रहता है. जब एक कर्मचारी ने एक प्रोडक्ट की जानकारी लीक कर दी तो उन्होंने प्रत्येक कर्मचारी को मेल भेजा जिसका विषय था – प्लीज रिजाइन
एंटोनियो के अनुसार यदि कोई कर्मचारी ज्वाइन करता है तो उसकी फेसवर्सरी होती है उसका सेलिब्रेशन वैसे ही होता है जैसे क्रिश्चियनों को दीक्षा दी जाती है. या जन्म दिन होता है. एक बार मार्क ने स्टाफ को वाल पेंट करने को कहा और उस दीवार पर अश्लील पेंटिंग देखी तो गुस्से से भरा मेल किया
मार्क का ऑफिस एक्वेरियम की तरह है जहां कांच की दीवारें हैं सैंड बर्ग का कांफ्रेंस रूम ओनली गुड न्यूज है क्योंकि वह सिर्फ अच्छी बातें ही सुनना चाहती है, फेसबुक के ऑफिस में 20 घंटे काम करने की अपेक्षा की जाती है .यहां खाने, पीने का पूरा इंतजाम रहता है.