फिल्म पद्मावती पर हो रहे विवाद और इसके खिलाफ राजपूत समाज, नेताओं, क्षत्रिय संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के बाद इसकी रिलीज टल गयी है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं। ऐसे में अब यह फिल्म अगले साल ही रिलीज होगी। सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स द्वारा सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को जल्दी करने की अर्जी ठुकरा दी है। पहले इस फिल्म को 1 दिसंबर के दिन रिलीज किया जाना था।
प्रसून ने फिल्म को सेंसर बोर्ड में सबमिट करने से पहले कुछ मीडियापर्सन्स को दिखाने पर अपनी निराशा भी जाहिर की। उन्होंने कहा, अगर लोग चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म पर कोई फैसला ले तो उन्हें बोर्ड को समय, स्वतंत्रता और मानसिक स्पेस देना होगा।इस मामले में अब संसदीय कमिटी ने भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। संसदीय कमिटी के अध्यक्ष भगत सिंह कोशियारी ने इस मामले पर नोटिस जारी किया है।
भंसाली की फिल्म पद्मावती के विरोध में राजपूत समाज ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और यूपी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। इन राज्यों ने कहा कि जब तक फिल्म से आपत्तिजनक सीन नहीं हटाये जाएंगे उसे रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। गोवा में सुधीर मिश्रा ने कहा, जिस तरह से प्रदर्शनकारियों को विरोध करने का अधिकार है, उसी तरह डायरेक्टर को भी अपनी सोच व्यक्त करने का अधिकार है। हम फिल्म बनाने के अपने अधिकार के लिए एकसाथ खड़े हैं। आप फिल्म का विरोध कर सकते हैं लेकिन बतौर फिल्ममेकर हमारे अधिकार का हनन नहीं कर सकते।
इसी बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भंसाली के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की आदत हो गई है. योगी ने कहा कि जितनी गलती प्रदर्शनकारियों की है, उतनी ही गलती संजय लीला भंसाली की भी है। प्रदर्शनकारियों के साथ फिल्म निर्माताओं के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। पद्मावती को लेकर दीपिका को मिल रही धमकियों पर कमल हासन ने विरोधियों पर कटाक्ष किया है। कमल ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि दीपिका का सिर सलामत रहे।’
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