प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिलीस्तीन पहुंचने पर वहां के लोगों में भी एक उम्मीद की किरण जाग गई है. फिलीस्तीन प्रतिरोध की पोस्टर गर्ल बन चुकी अहद तमीमी के परिजनों को उम्मीद है कि पीएम मोदी उसकी रिहाई के लिए इजराइल से बात करेंगे. 16 साल की फिलीस्तीनी लड़की अहद तमीमी को पिछले साल दिसंबर में इजराइल ने एक सैनिक पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
रामल्लाह से 20 किलोमीटर दूर नबी सली गांव में अहद तमीमी का परिवार रहता है. अहद के पिता बसीम तमीमी जो कि खुद एक एक्टिविस्ट हैं. उनका कहना है कि अपनी बेटी पर उन्हें गर्व है. इंडिया टुडे से बात करते हुए बसीम तमीमी ने कहा कि महात्मा गांधी और मंडेला भी आजादी के लिए लड़े थे. उनका कहना है कि आजादी की कोई कीमत नहीं होती.
बसीम तमीमी को अब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है कि वे उनकी पत्नी और बेटी अहद को रिहा कराने के लिए इजराइली सरकार से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को इजरायल पर कब्जा न करने के लिए कहना चाहिए. तमीमी परिवार के 11 लोग अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं. अहद उनमें सबसे छोटी है.
अहद तमीमी ने इजराइल के विरोध में जो बातें कहीं, वे आज फिलीस्तीन की सड़कों पर गूंज रही हैं. जगह-जगह लोग अहद तमीमी की फोटो हाथों में लेकर उसकी रिहाई की आवाज बुलंद कर रहे हैं. अहद तमीमी की मां नरीमन तमीमी को भी वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया में डालने पर गिरफ्तार कर लिया गया. परिवार के लोग अहद को ट्वीटी कहकर बुलाते हैं.
इजराइली सैनिकों को थप्पड़ मारते हुए तमीमी का वीडियो तेजी से वायरल हो गया था. वीडियो में अहद के साथ उसकी चचेरी बहन नूर तमीमी भी थी. यह घटना 15 दिसंबर 2017 की है. सोशल मीडिया में अहद का वीडियो वायरल होने से अब वे इजराइली विरोध का प्रतीक बन गई हैं.
थप्पड़ मारने के तीन दिन बाद ही इजराइल के अधिकारियों ने रात में उसे गिरफ्तार कर लिया था. उस पर कुल 12 केस दर्ज हैं. तमीमी की रिहाई के लिए लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. 2015 में भी तमीमी का एक वीडियो वायरल हुआ था. उस समय अहद एक इजराइली सैनिक के हाथ में दांत काट लिया था.