सपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ‘योगी सरकार’ में एक बार फिर चर्चा में हैं। सीएम अखिलेश यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधने के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने के कयासों के बीच राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई थी और अब उनके इलाके प्रतापगढ़ में एक बार फिर सिपाही की हत्या का मामला तूल पकड़ गया है। प्रतापगढ़ के रानीगंज कोतवाली के बुढ़ौर गांव निवासी सिपाही राजकुमार को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी। अभी तक हत्यारों को कुछ पता नहीं चला है।

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर, 1967 को प्रतापगढ़ के भदरी रियासत में हुआ है। उनके पिता का नाम उदय प्रताप सिंह और माता मंजुल राजे है। मंजुल राजे भी एक शाही परिवार की है। रघुराज प्रताप सिंह को राजा भैया और तूफान सिंह के नाम से भी जाना जाता है। राजा भैया को घुड़सवारी का बहुत शौक है. एक बार घोड़े से गिरने से उनकी दो पसलियां टूट गईं।
राजा भैया बुलेट, जिप्सी के साथ ही हेलीकॉप्टर की सवारी का शौक रखते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने इलाके में मगरमच्छ भी पाल रखे हैं। 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से उन्होंने राजनीति में कदम रखा था. तब से वह लगातार विधायक बने हुए हैं। मंदिर आंदोलन के दौर में मुलायम ने उनका विरोध किया था. उनपर दंगों में भूमिका निभाने का आरोप था। ऐसा कहा जाता है कि यूपी में राजा भैया ठाकुरों और ब्राह्मणों की विरोधी राजनीति की एक धुरी बन चुके हैं।दबंग राजा को अपने पिता से डर लगता था। बचपन में वह उनसे कभी आंख भी नहीं मिला पाते थे। उनके पास करीब 200 करोड़ से ज्यादा चल-अचल संपत्ति बताई जाती है। इसमें पैतृक संपत्ति भी शामिल है।
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