फिर करवट लेगा उत्तर भारत में मौसम, जानिए….

 तेज गर्मी और धूप से परेशान दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम एक बार फिर करवट ले सकता है। इससे करोड़ों लोगों को राहत मिल सकती है। दरअसल, पहाड़ी राज्यों में शुमार उत्तरखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मौसम खराब होना शुरू हो गया है। इसके पीछे हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में हवा का दबाव कम होना है। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) के वैज्ञानिकों के मुताबिक, दक्षिणी राज्यों में भी हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में हवा का कम दबाव बनने के कारण बारिश और तूफान आ सकता है। 

 

 

मौसम विभाग के मुताबिक, 25 अप्रैल के आसपास हिंद महासागर और इससे सटे बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। मौसम विभाग आने वाले दिनों में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में आंधी-तूफान और बूंदाबांदी की संभावना भी जता रहा है। इतना नहीं, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से जम्मू कश्मीर तक मौसम खराब होने की संभावना भी जताई गई है। 

वहीं, मंगलवार  (23 अप्रैल) को दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी हुई। 40. 3 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ मंगलवार इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। यह सामान्य से दो डिग्री ज्यादा रहा।  मौसम विभाग के मुताबिक, सप्ताह के अंत तक यानी शुक्रवार और रविवार को तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है। इतना ही नहीं, अगले सात दिन तक दिल्ली-एनसीआर में बारिश के आसार नहीं हैं। 

ब्लॉक स्तर पर भी मौसम का पूर्वानुमान जारी करेगा विभाग

मौसम पर निर्भर किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब जल्द ही उन्हें ब्लॉक स्तर पर मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी मिल जाया करेगी। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने मंगलवार को कहा कि अगले साल से देश के सभी 660 जिलों के 6,500 ब्लॉकों के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी करने की प्रक्रिया पर तेजी से काम चल रहा है।

हालांकि, विभाग ने कहा है कि सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता को बढ़ाना और कृषि सलाहकार सेवाओं (एएएस) को अधिक उपयोगी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना होगा। अभी आइएमडी जिला स्तरीय एडवाइजरी जारी करता है। मौसम पूर्वानुमान और एएएस को ब्लॉक स्तर पर जारी करने के लिए इसने पिछले साल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) से समझौता किया था।

यदि विभाग इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे देता है तो इससे किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। समय पर जानकारी मिलने पर वह अपनी फसल को मौसम की मार से बचा सकते हैं। फिक्की के एक कार्यक्रम में आए आइएमडी के उप महानिदेशक एसडी अत्री ने कहा, ‘आइसीएआर के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से बहुत प्रगति हुई है। काम बहुत तेजी से चल रहा है..हम लोगों की भर्ती और उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि देश के 200 ब्लॉकों में पायलट स्टडी चल रही है। 2020 तक देश के सभी 6,500 को इसमें शामिल करने का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मौसम की वजह से फसलों के नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। अत्री ने कहा कि अभी जिला स्तर पर एसएमएस और एमकिसान पोर्टल के जरिए चार करोड़ किसानों को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी मिलती है। अगले साल तक इसे ब्लॉक स्तर पर बढ़ाकर इसमें 9.5 करोड़ किसानों को शामिल करने का लक्ष्य है। उन्होंने निजी क्षेत्र से भी इस क्षेत्र में मदद की अपील की।

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