लखनऊ। यौन शोषण के मामले में फरार चल रहे निशांत पर कोर्ट की अवमानना का एक और मुकदमा दर्ज हो गया हैं। यौन शोषण मे फँसे पिता पुत्र पूर्व उ.प्र.बैडमिंटन एेशोसियेशन सचिव डॉ. विजय सिन्हा के पुत्र निशांत सिन्हा पर अब कोर्ट की अवमानना करने पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। खबरों के अनुसार न्यायालय के आदेशो का पालन न करने पर निशांत पर गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट इस पूरे मामले पर सख्त दिख रहा है। ऐसे में पुलिस के ऊपर निशांत को गिरफ्तार करने का दबाव बढ़ गया है। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी में यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार पूर्व सचिव डॉ. विजय सिन्हा को कोर्ट से जमानत नहीं मिली थी। यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार पूर्व सचिव डॉ. विजय सिन्हा की जमानत याचिका पर बीते शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई। अदालत ने दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। प्राथिमिकी में नामित बैडमिंटन खिलाडिय़ों द्वारा अभियुक्त एवं उसके पुत्र निशांत सिन्हा पर शारीरिक व मानसिक उत्पीडऩ के आरोप लगाये गये थे।केस डायरी में अंकित पीडिताओ के बयान, जमानत प्रार्थनापत्र एवं केस डायरी के साथ संलग्न अभिलेखो के सविस्ततार परिशीलन, माननीय उच्च न्यायलय खंडपीठ लखनऊ द्वारा मि. बेंच नम्बर 5912/2017 में पारित आदेश दि. 22.03.2017 की सत्य प्रति में प्रकरण के संदर्भ में दर्ज प्राथमिकी के परिप्रेक्ष्य में की गई विवेचना डा.विजय सिन्हा और निशांत सिन्हा को गम्भीर अपराध मे संलिप्तता पायी गयी। इसके साथ ही यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार पूर्व सचिव डॉ. विजय सिन्हा द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया दिया गया था।
गौरतलब हो कि यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के पूर्व सचिव विजय सिन्हा व उनके पुत्र पूर्व कार्यकारी सचिव निशान्त सिन्हा पर कई गम्भीर आरोप लगे हैं। खबरों की माने तो बीबीडी बैडमिंटन अकाडमी में प्रशिक्षु खिलाडियो द्वारा पिता-पुत्र पर पर जबरन यौन शोषण व अवैध रूप से धन उगाही करने का आरोप लगाया था। इसके बाद अकादमी के मुख्य सुरक्षा अघिकारी जंग बहादुर ने गोमती नगर थाने में दोनो पिता पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने दोनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। खिलाडिय़ों के साथ यौन शोषण व उनसे अवैध धन उगाही के आरोपित बैडमिंटन एसोसिएशन के पूर्व सचिव व उनके पुत्र के खिलाफ कोर्ट ने 82 की कार्यवाई के आदेश दिए गये थे। कोर्ट के आदेश के बाद गोमती नगर पुलिस ने दोनो आरोपितों के घर पर नोटिस चस्पा कर दी थी। जिसमें साफ लिखा था कि अगर एक माह के अन्दर समर्पण नहीं करते हैं तो कुर्की की कार्यवाई की जायेगी। इसके बाद गोमतीनगर पुलिस ने पूर्व सचिव को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था लेकिन उनका पुत्र अभी भी फरार चल रहा है। माना जा रहा है कि आरोपितों के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं जो उन्हे दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त हैं। आज के अदालत के आदेश मे अपराध संख्या 467/17 का अदालत कि अवमानना का एक और मुक़दमा दर्ज कर लिया गया। जिससे निशांत सिन्हा कि मुश्किलें और बढ़ने वाली है क्योंकि पुलिस पर उनको शीघ्र गिरफ़्तार करने का अत्यधिक दबाव बन गया हैं।