फतेहाबाद जिले में किसानों की गेंहूं पककर तैयार हो चुकी है। इस दौरान आगजनी होने का खतरा सबसे ज्यादा किसानों को रहता है। शहर के लालबत्ती चौक स्थित अग्निशमन विभाग बना हुआ है। ऐसे में कई बार यह देखने को मिलता है कि जैसे ही कही आगजनी की घटना होती है तो फायर कर्मी जैसे ही आगजनी होने पर गाड़ी लेकर सेंटर से निकलते हैं तो इस दौरान कई बार सिग्नल न होने के चलते गाड़ियों का लंबा काफिला खड़ा होता है तो कभी फायर की गाड़ी जाम के कारण उसमें फंस जाती है।
इस कारण आगजनी वाली जगह पहुंचने तक 10-15 मिनट लग जाते है। इन कारणों को देखते हुए डीसी मनदीप कौर के पास जैसे ही शिकायत आई तो मामले पर तुंरत संज्ञान लेते हुए एसडीएम को आदेश दिए है कि गेंहूं के सीजन को देखते हुए वह फायर ब्रिगेड की गाड़ी को शहर से बाहर मुख्य प्वाइंट पर खड़ा करवाए। आदेशों पर फायर अधिकारियों ने रतिया रोड पर फ्लाईओवर के पास, हिसार रोड पर फायर गाड़ी खड़ी करते हुए कर्मियों की तैनात कर दी। वहीं इस बार गांव हुकमावाली में अलग से फायर गाड़ी की तैनाती भी गई है।
गाड़ी पर तीन कर्मी तैनात, 12-12 घंटे करेंगे डयूटी
रतिया रोड पर तैनात की गई फायर ब्रिगेड की गाड़ी पर तीन कर्मियों की डयूटी लगाई है। फायर विभाग के पास कुल 26 कर्मी है। 13-13 कर्मी दो शिफ्टों में 12-12 घंटे अलग समय में डयूटी करेंगे। इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए है। फायर विभाग को बीते दिन ही 6 नए पक्के कर्मी मिले हैं। पहले 3 कर्मी पक्के है तो अन्य कौशल पर कार्यरत है। कंप्यूटर ऑपरेट करने वाले 4 कर्मी अलग से है।
50 गांवों को चार गाड़ियों का सहारा
फतेहाबाद ब्लॉक की बात करे तो करीब 50 गांव फायर विभाग के अधीन आते हैं। फायर विभाग के पास कुल 5 गाड़ी है। इसमें से भी एक गाड़ी रेस्क्यू के लिए है। बाकी बची 4 गाड़ी के सहारे ही फतेहाबाद शहर व उसके अधीन आने वाले गांव है। कई बार हालात ऐसे भी होते हैं कि फतेहाबाद सेंटर की फायर गाड़ियों को दूसरे ब्लॉक में भी आगजनी होने पर भेजना पड़ सकता है। बात करे तो फायर विभाग की गाड़ियों की टैंक की तो एक गाड़ी में 8 हजार लीटर, दूसरी का 6 हजार, तीसरे का 5500 हजार व चौथी को ढाई हजार लीटर का टैंक है।
किसान ने रखी थी डीसी के समक्ष समस्या
शहर से बाहर मुख्य प्वाइंट पर फायर गाड़ी खड़ी तब खड़ी करवाई गई। जब डीसी मनदीप कौर के पास एक किसान ने शिकायत भेजते हुए गाड़ियों को शहर से बाहर खड़ी करने की मांग की। किसान ने शहर में जाम में फायर गाड़ी के फंसने के बाद लगने वाले समय व वक्त पर न पहुंचने पर किसानों को होने वाले भारी भरकम नुकसान का हवाला दिया। यही कारण है कि पहली बार फायर विभाग को गाड़ी शहर से बाहर खड़ी करनी पड़ी।
कर्मियों के यह बड़ी समस्या
शहर के फायर विभाग में पानी भरने के लिए कोई टयूबवेल न होने के चलते भट्टू रोड पर जनस्वास्थ्य विभाग के एक प्वाइंट से पानी भरना पड़ता है। इस दौरान समस्या आती है कि कई लोग अपनी गाड़ी उस प्वाइंट के नीचे ही खड़ी कर बाजार में चले जाते हैं। जिस पर कर्मियों को उनके आने तो कई बार पुलिस को बुलाना पड़ता है। ऐसे में प्रशासन को फायर विभाग में टयूबवेल की व्यवस्था करनी चाहिए।