देहरादून: विधानसभा के अधीन गठित गैरसैंण विकास परिषद में विभिन्न विषय विशेषज्ञ भी शामिल किए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष एवं परिषद के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों को जोड़ने से उनके रचनात्मक सुझाव सामने आएंगे। साथ ही परिषद को कानूनी व वैधानिक रूप से शक्तिशाली बनाया जाएगा। इससे गैरसैंण में कार्यों की बेहतर ढंग से मॉनीटरिंग भी हो सकेगी।
गैरसैंण को लेकर गंभीरता से बढ़ रहे आगे
गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन से संबंधित सवाल पर विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि आंदोलन करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन हम गैरसैंण को लेकर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जो कार्य कर रहे हैं, उस पर शंका नहीं सभी को सहयोग करना चाहिए। गैरसैंण को लेकर ग्रीष्मकालीन अथवा स्थायी राजधानी पर सरकार जल्द सकारात्मक निर्णय लेगी।
बजट सत्र में पेश होगा विकास क्रियान्वयन समिति का प्रस्ताव
पटना में आयोजित कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (सीपीए) इंडिया रीजन के सम्मेलन से लौटे विस अध्यक्ष अग्रवाल ने बताया कि इसमें विकास के एजेंडे में सदन की भूमिका पर उन्होंने व्याख्यान दिया। उन्होंने उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण, टिहरी बांध, पलायन समेत अन्य मसलों का भी जिक्र किया।
बताया कि सम्मेलन में उप्र विधानसभा के अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि 17 ऐसे बिंदु हैं, जिन पर हम विकास के पथ पर निरंतर बढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन बिंदुओं के मद्देनजर विस के बजट सत्र में विकास क्रियान्वयन समिति के गठन का प्रस्ताव लाया जाएगा। यह भी बताया कि राज्य में संस्कृत उन्नयन, पलायन और पर्यावरण को लेकर तीन नई समितियों का गठन भी किया गया है।
छह माह में हो सकती है जोनवार बैठकें
विस अध्यक्ष ने बताया कि सीपीए इंडिया रीजन को चार जोन में बांटा गया है। हर जोन की छह माह में बैठक हो सकती हैं। राज्यवार बैठकें भी की जा सकती हैं।
गैरसैंण में लेंगे तैयारियों का जायजा
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अगले साल गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जल्द ही वह भी गैरसैंण जाकर तैयारियों का जायजा लेंगे।
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