लखनऊ अगर इतिहास का सुनहरा पन्ना है तो यहां का चिडिय़ाघर उस पन्ने पर अंकित स्वर्णिम हस्ताक्षर। अपनी जिन खूबियों के लिए यह शहर दुनिया भर में मशहूर है, उनमें से एक यहां का प्राणि उद्यान आज अपने 99 वर्ष पूरे कर रहा है।
शहर को बदलते हुए देखने के साथ इसने खुद को भी कई मायनों में तब्दीलियत से गुजारा है। यहां तक कि नाम भी कई बार बदले गए।
बाढ़ का कहर झेलकर भी अपने वजूद को कायम रखने वाले चिडिय़ाघर ने कई मुश्किल दौर देखे, तो कई ऐसी सौगातें भी रहीं जिन्होंने इसे खुद पर गर्व करने का मौका दिया।
देश के मशहूर चिडिय़ाघरों में शुमार हमारा प्राणि उद्यान आज भी लोगों की पहली पसंद है। यह जितना अजीज हमें कल था, उतना ही आज भी है और कल भी रहेगा।