चंपारण के बगहा में गुरूवार को मिड डे मील खाने से दो स्कूलों के 157 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। लेकिन शुक्रवार को जैसे ही स्कूलों में एमडीएम का खाना पहुंचा वैसे ही बच्चों के अभिभावकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। और स्कूलों में मिड डे मील की सप्लाई नहीं होने दी। दरअसल गुरुवार को मध्य विद्यालय बरवल में हुई घटना से अभिभावक और बच्चे डरे हुए हैं। शुक्रवार को प्रखंड बगहा दो के मध्य विद्यालय पर फरसहनी, गोईती स्कूल में बच्चों के अभिभावकों और ग्रामीणों ने एमडीएम खाने का विरोध किया। और खाने की आपूर्ति स्कूल को नहीं होने दी।

अभिभावकों ने एनजीओ पर उठाए सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि एनजीओ के द्वारा स्कूलों में बासी और सड़ा हुए खाने की आपूर्ति की जाती है। जिस कारण बच्चे बीमार हो जाते हैं । ऐसे में ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिया है।अभिभावकों ने स्कूल स्तर पर ही एमडीएम का संचालन एक बार फिर से शुरू किये जाने की मांग की है ताकि स्कूल के बच्चों को ताजा खाना मिल सके।
157 बच्चों की बिगड़ी थी तबीयत
दरअसल गुरूवार को स्कूल में बच्चों को एनजीओ द्वारा भेजा गया खाना खिलाया गया था। जिसके बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी थी। देखते ही देखते दो स्कूलों को 157 बच्चों की तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां कुछ घंटों बाद घर भेज दिया गया था। डॉक्टरों का कहना है कि फूड प्वाइजनिंग से बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी। वहीं बच्चों ने खाने में दवा मिली होने की बात कही थी। जिसके बाद अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया था। जिसके बाद मौके पर पहुंचे डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए थे, और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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