प्रशांत भूषण अवमानना मामले में जुर्माने की जांच करे दिल्ली बार काउंसिल, BCI ने दिए निर्देश

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली के बार काउंसिल से कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण पर लगाए गए जुर्माने की जांच करे। इसके अलावा वकील होने के नाते उनके अधिकारों के संबंध में कानूनी रूप से निर्णय ले। राज्य की बार काउंसिल एक व्यक्ति को वकील के रूप में अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देती है। उसके पास अधिवक्ता अधिनियम के तहत कुछ स्थितियों में अपने सदस्यों के अधिकार को निलंबित करने या हटाने जैसी व्यापक शक्तियां हैं।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया की सामान्य परिषद ने सर्वसम्मति से दिल्ली के बार काउंसिल को निर्देश देने का संकल्प लिया है कि वह इस मामले की जांच करे और नियमों के अनुसार आगे बढ़ने के लिए जल्द निर्णय ले। प्रशांत भूषण दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित हैं। उनको सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक रुपये का जुर्माना लगाया था।

अवमानना के जुर्म में भरा एक रुपये का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण को मात्र एक रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। प्रशांत भूषण को 15 सितंबर तक जुर्माना भरने का आदेश दिया गया। हालांकि प्रशांत भूषण ने ऐलान किया कि उन्होंने  सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा के तौर पर लगाया गया जुर्माना भर दिया लेकिन उनका सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा। प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर लिखा, ‘मेरे वकील और वरिष्ठ साथी राजीव धवन ने सोमवार को अवमानना केस पर फैसला आते ही मुझे एक रुपया दिया, जिसे मैंने कृतज्ञता के साथ स्वीकार कर लिया।’

क्या है मामला ?

सुप्रीम कोर्ट ने गत 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को न्यायपालिका पर टिप्पणी करने वाले दो ट्वीट्स के लिए न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया था। कोर्ट ने दोषी ठहराने के बाद भूषण को बिना शर्त माफी मांगने के लिए समय भी दिया था लेकिन भूषण ने माफी मांगने से इन्कार कर दिया और कहा था कि माफी मांगना अंतरात्मा की अवहेलना होगी।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com