गंगा-यमुना के तेजी से बढ़ते जलस्तर पर ब्रेक लग गई है। दोनों नदियों में पानी घट रहा है। इससे तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा पानी अब पीछे खिसकने लगा है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। पिछले दिनों गंगा-यमुना का जलस्तर ऐसा बढ़ रहा था कि खतरे के निशान के करीब पहुंच गया था। तटीय इलाकों में रहने वाले लोग अपना जरूरी सामान समेटकर निकलने की तैयारी में थे। कई लोगों ने तो घर छोड़ भी दिया था। किंतु, अब नदियों का जलस्तर घटने से अब यहां फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है।
किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान
गंगा नदी के किनारे बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। इस समय धान के साथ ही सब्जियों की खेती की गई है। फसलें खेत में लहलहा रही हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर पानी खेतों के बिल्कुल करीब पहुंच गया था, लेकिन अब जलस्तर में कमी आने से पानी काफी पीछे खिसक गया है। जिससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
घटिए भी अपने काम में लगे
संगम क्षेत्र में घटिये और सामान बेचने वालों को भी हटा दिया गया था। गंगा-यमुना में पानी कम होने से तीर्थ पुराहितों ने जहां अपना तख्ता लगा लिया है, वहीं दुकानदारों ने अपनी दुकानें भी सजा ली हैं।
बेतवा में उफान कम होने का पड़ा असर
यमुना में जब जलस्तर तेजी से बढ़ता है तो उसका सीधा असर गंगा पर पड़ता है। लेकिन हमीरपुर में बेतवा का उफान कम हुआ तो यमुना का जलस्तर तेजी से घटा, जिस कारण गंगा का पानी तीव्र गति से आगे बढ़ गया और जलस्तर में कमी आ गई।
बड़े हनुमान मंदिर के पास पहुंचकर लौट गईं गंगा
गंगा के पानी जिस तरह बढ़ रहा था उससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि बंधवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर में पानी दाखिल हो जाएगा। पानी भी मंदिर के बिल्कुल करीब पहुंच गया था। एक मीटर और जलस्तर में बढ़ोतरी होती तो पानी मंदिर में दाखिल भी हो जाता। किंतु, अब पानी मंदिर से काफी पीछे खिसक गया है।
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