नाथ नगरी में सिर्फ श्रद्धालुओं को भोले बाबा की आराधना का ही सौभाग्य नहीं मिलता, बल्कि यहां श्री अलखनाथ मंदिर से आगे प्रभु श्रीराम के अद्भुत दर्शन होते हैं। प्रभु श्रीराम का यह सिद्ध मंदिर लगभग तीन सौ वर्ष से अधिक पुराना माना जाता है। यह मंदिर है ‘श्री सीताराम का झरोखा’ जहां भक्तों को प्रभु श्रीराम और माता सीता के दर्शन-पूजन संग जगन्नाथ भगवान, भोले शंकर, हनुमान जी और संकटमोचन हनुमान की उपासना का भी संयोग मिलता है।

अलखनाथ मंदिर से आगे बढ़ने पर चौधरी तालाब फाटक के पास ही बाएं हाथ पर लाइन पार मंदिर का ऊंचा गुंबद राहगीरों का ध्यान आकर्षित करता है। पुल के बीच में पहुंचने पर गुंबद की तरफ से देखने पर एक जीर्ण-शीर्ण इमारत राहगीरों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींचती है। यह सीताराम का झरोखा में बनी बारादरी और यहां बने मुख्य दरबार की इमारत है। मंदिर के मुख्य दरबार से भी पुल का नजारा बिलकुल साफ दिखता है।
मंदिर आने का रास्ता पुल बन जाने के बाद थोड़ा लंबा हो गया है। चौधरी तालाब रेलवे क्रासिंग पर फाटक से कर्मचारी नगर को रास्ता जाता है। यहीं पर शुरुआत में बाए हाथ पर एक कच्चा रास्ता है, जो कि नर्सरियों और खेतों के बीच से होकर घूमता हुआ एक बड़े मैदान में जाकर खुलता है, जहां बना एक बड़ा द्वार लोगों का स्वागत करता है। यह श्री सीताराम का झरोखा मंदिर का मुख्य द्वार है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal