वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और ओडीशा के सीएम नवीन पटनायक के प्रतिनिधि प्रताप जैना मौजूद हैं
-
- ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं कि वह ग्रामीण क्षेत्र और प्रवासी श्रमिकों के जीवन को और सुदृढ़ करने के लिए ऐसी योजना लाए हैं.
-
- ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के शुभारंभ के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मैंने बिहार लौटे मजदूरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की. मुझे लगा कि वे काम के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते.
-
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में कहा कि केंद्र की अगुवाई में शुरू होने वाली यह योजना उन प्रवासी श्रमिकों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी जो अभी दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते हैं.
-
- बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान लद्दाख सीमा पर 20 जवानों की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि हर बिहारी को गर्व होना चाहिए कि हमारे बिहार रेजीमेंट के लोगों ने शहादत दी.
लद्दाख में हमारे बहादुरों द्वारा किए गए बलिदान पर देश को गर्व है. आज जब मैं बिहार के लोगों से बात कर रहा हूं, तो मैं कहूंगा कि वीरता बिहार रेजिमेंट की थी, हर बिहारी को इस पर गर्व है. मैं उन बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया: पीएम नरेंद्र मोदी
इन लोगों से प्रधानमंत्री ने की खास बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार स्थित खगड़िया के तेलिहार ग्राम पंतायत के ग्राम प्रधान अनिल सिंह से बातचीत की और लॉकडाउन के दौरान गांव लौटे लोगों के बारे में जानकारी ली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मिता कुमार से बात की जो दिल्ली से लौटी थीं. वहां लॉकडाउन के चलते उनके पति का काम खत्म हो गया था. उसके बाद वह स्पेशल ट्रेन से खगड़िया लौट आईं. उन्होंने पीएम को बताया कि गरीब रोजगार गारंटी योजना के तहत मधुमक्खी पालन करने का विचार कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान स्थित अजमेर से खगड़िया लौटे चंदन शाह से बात की और इस योजना के तहत उनके भविष्य के बारे में चर्चा की. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी रीता देवी से बात की.
50,000 करोड़ रुपए का है पूरा कार्यक्रम
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि इस बड़ी ग्रामीण रोजगार योजेना से घर लौटे श्रमिकों को सशक्त किया जा सकेगा और उन्हें 125 दिन का रोजगार मिलेगा. प्रधानमंत्री मोदी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Susheel Modi) की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 20 जून को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ करेंगे.
यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव से शुरू किया जाएगा. बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सीतारमण ने कहा, ‘इस अभियान के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओड़िशा के 116 जिलों में प्रत्येक से 25,000 श्रमिकों को इस अभियान के लिए चुना गया है. इनमें 27 पिछड़े जिले भी शामिल हैं. इन जिलों के तहत करीब 66 प्रतिशत प्रवासी श्रमिक आएंगे. छह राज्यों के 116 जिलों के गांव इस कार्यक्रम से साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिये जुड़ेंगे. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा.
यह अभियान 125 दिनों का है जिसमें प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए 25 अलग तरह के कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. साथ ही इसके जरिये देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा खड़ा किया जाएगा. इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन लगाए जाएंगे.
सीतारमण ने कहा कि यह 50,000 करोड़ रुपये बजट का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सभी जिलों में घर लौटे श्रमिकों से सीधे संपर्क कर रहे हैं. सभी संपत्ति सृजन का हिस्सा होंगे.’ उन्होंने कहा कि इस योजना का समन्वय 12 अलग-अलग मंत्रालय करेंगे जिनमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालय शामिल हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की 25 योजनाओं को एक साथ लाया जाएगा और ये श्रमिक ग्राम पंचायत भवन और आंगनवाड़ी केंद्र, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और जल संरक्षण परियोजनाओं में काम करेंगे.
पश्चिम बंगाल को शामिल क्यों नहीं किया? सीतारमण ने दिया यह जवाब
सीतारमण ने कहा, ‘हम 116 जिलों में 25 अलग-अलग कार्यों के लिए पैसा पहले ही डाल देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इन जिलों के सभी प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिल सके.’ यह पूछे जाने पर कि पश्चिम बंगाल को इस अभियान में क्यों नहीं शामिल किया गया, ग्रामीण विकास मंत्री एन एन सिन्हा ने कहा कि जब यह कार्यक्रम तैयार किया जा रहा था उस समय राज्य ने अपने घर लौटने वाले श्रमिकों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया था. उन्होंने कहा, ‘‘कम से कम 25,000 प्रवासी श्रमिकों वाले अन्य जिले के इस अभियान में शामिल होने पर कोई रोक नहीं है. यदि हमें आंकड़ा मिलेगा, तो भविष्य में निश्चित रूप से उन्हें इसमें शामिल किया जाएगा.’’
इस सवाल पर कि क्या इस कार्यक्रम को 125 दिन से आगे बढ़ाया जा सकता है, सीतारमण ने कहा कि हम उन्हें चार महीने की स्पष्ट रूपरेखा दे रहे हैं. ‘आगे चलकर देखते हैं कि कितने श्रमिक रुके रहते हैं. सरकार एक वृहद रूपरेखा लेकर आई है जिसके जरिये उन्हें तत्काल आजीविका उपलब्ध कराई जाएगी.’ उन्होंने बताया कि बिहार के 32 और उत्तर प्रदेश के 31 जिले इस अभियान का हिस्सा हैं.
इस मौके पर श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘आपने पंजाब की खबर सुनी होगी कि श्रमिकों को रेल टिकट भेजकर वापस बुलाया जा रह है.’ उन्होंने कहा कि जैसे स्थिति सामान्य होगी, चीजें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी.