सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि को बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह तिथि महादेव को समर्पित है। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। साथ ही जीवन के दुखों को दूर करने के लिए व्रत किया जाता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और प्रिय भोग के बारे में।
प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 31 अगस्त को देर रात 02 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 01 सितंबर को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसलिए 31 अगस्त को प्रदोष व्रत किया जाएगा।
इन चीजों का भोग लगाएं
अगर आप संतान सुख की प्राप्ति में बाधा का सामना कर रहे हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा कर दही और घी लगाएं का भोग लगाएं। ऐसा करने से साधक की संतान से जुड़ी समस्या दूर होती है।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी को सूजी के हलवे का भी भोग लगाएं। इससे मनचाही इच्छा पूरी होती है।
आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए भगवान शंकर को सूखे मावे अर्पित करना फलदायी साबित होता है। इस भोग को अर्पित करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन की प्राप्ति होती है।
भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र का अर्थ है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।