पॉल्युशन फ्री दिल्ली: अब 3 नहीं 4 स्तर पर नापा जाएगा प्रदूषण...

पॉल्युशन फ्री दिल्ली: अब 3 नहीं 4 स्तर पर नापा जाएगा प्रदूषण…

दिवाली से पहले ही तेजी से दिल्ली की आबो-हवा में प्रदूषित कणों की मात्रा बढ़ रही है. इससे यह आशंका है कि आने वाले दिन दिल्ली की सेहत के लिए ठीक नहीं होंगे. इससे निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेन्ट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने EPCA यानी एनवायरनमेंट पॉल्युशन कंट्रोल अथॅारिटी के साथ मिलकर एक ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान बनाया गया है. यह प्लान 15 अक्टूबर से 15 मार्च के बीच दिल्ली-एनसीआर में लागू रहेगा.पॉल्युशन फ्री दिल्ली: अब 3 नहीं 4 स्तर पर नापा जाएगा प्रदूषण...

आपको बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल एक नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है. वहीं दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अभी से ही काफी ज्यादा है. ऐसे में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान के मुताबिक एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में नई केटेगरी ‘सीवियर+ या इमरजेंसी’ को शामिल किया गया है. पहले सिर्फ तीन केटेगरी थी, जिनमें ‘औसत और खराब’ ‘बहुत ख़राब’ और ‘गंभीर’ शामिल थे.

इमरजेंसी केटेगरी में यह होगा एक्शन प्लान

ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान के मुताबिक 15 अक्टूबर से 15 मार्च बीच दिल्ली एनसीआर की आबो-हवा जब जिस कैटेगरी में होगी, उसके अनुसार कदम उठाए जाएगें. इसके लिए बाकायदा मानक तय किए गए हैं. नए एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के मुताबिक अगर 48 घंटो तक PM 2.5 का स्तर 300 माइक्रोग्राम/घनमीटर या उससे ज्यादा रहा तो दिल्ली में ‘सीवियर+ या इमरजेंसी’ केटेगरी लागू होगी. इसके अंर्तगत दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर पाबंदी होगी, कंस्ट्रक्शन के काम रोक दिए जाएंगे. वहीं दिल्ली में प्राइवेट वाहनों पर ऑड-इवन स्कीम लागू होगा. टास्क फोर्स स्थिति के अनुसार स्कूलों को बंद करने जैसे वैकल्पिक फैसले ले सकेंगे.

गम्भीर केटेगरी में पब्ल‍िक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा

इसी तरह अगर PM 2.5 का स्तर 250 माइक्रोग्राम/घनमीटर से ज्यादा होगा तो ‘सीवीयर(गम्भीर)’ केटेगरी के तहत एक्शन लिया जाएगा. इसमें ईंट भट्टी, प्लांट्स, पत्थर तोड़ने वाली फैक्ट्रियां बंद होंगी. बदरपुर पावर प्लांट बंद किया जाएगा. कोयले से चलने वाले पावर प्लांट में कोयले के बजाय नेचुरल गैस के ज्यादा इस्तेमाल की व्यवस्था करनी होगी. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस में बढ़ोत्तरी की जाएगी. ऑफ पीक आवर में ट्रैवल करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के किराये में बदलाव किये जाएंगे. धूल भरी सड़कों को चिन्हित कर सड़कों की सफाई के लिए वैक्यूम क्लीनर मशीनों का इस्तेमाल होगा, पानी का छिड़काव होगा.

‘बहुत खराब’ स्तर होने पर कोयले और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध 

वहीं नए एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के मुताबिक अगर PM 2.5 का स्तर 121 से 250 माइक्रोग्राम/घनमीटर के बीच होने पर ‘बहुत खराब’ केटेगरी लागू होगी. इसके अंतर्गत डीजल जेनरेटर सेट्स के इस्तेमाल पर पाबंदी है. योजना के मुताबिक पार्किंग शुल्क 3 से 4 गुना बढ़ा दिए जाएंगे. बस और मेट्रो सर्विस की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाएगी. कोयले और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध होगा. RWA और हाउस होल्ड को अपने घर या सोसायटी में तैनात सुरक्षा कर्मियों को सर्दियों के दौरान इलेक्ट्रिक हीटर्स प्रोवाइड करने होंगे, ताकि वो आग सेंकने के लिए लकड़ियां ना जलाएं.

चौथी केटेगरी में भी प्रदूषण रोकने के लिए उठाए जाएंगे बड़े कदम

चौथी केटेगरी है ‘औसत और खराब’, जो कि PM 2.5 का स्तर 61-120 माइक्रोग्राम/घनमीटर के बीच होने पर लागू होगा. इस दौरान लैंडफिल साइट्स और खुले में कुड़ा जलाने पर प्रतिबंध है. ऐसा करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. ईंट भट्टी और प्लांट्स बंद रहेंगे. थर्मल प्लांट्स में प्रदूषण रोकथाम की निगरानी पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की जिम्मेदारी होगी. कच्ची सड़कों पर हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव करना होगा. योजनाबद्ध तरीके से हैवी ट्रैफिक वाली सड़कों पर वैक्यूम क्लीनर से सफाई की जाएगी. प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां जब्त होंगी और उन पर भारी जुर्माना किया जाएगा. पटाखों पर बैन लागू रहेगा . सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दिल्ली नहीं आने वाली ट्रैफिक और ट्रकों का डायवर्जन होगा, सिर्फ 2005 के बाद रजिस्टर्ड ट्रकों की एंट्री दिल्ली में हो सकेगी.

एक्सपर्ट्स को प्लान से काफी उम्मीद

सेटंर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के पर्यावरण विशेषज्ञ विवेक चट्टोपाध्याय के मुताबिक ये ग्रेडेड एक्शन प्लान ये बताएगा कि कब किस एजेंसी को क्या एक्शन लेना है. अब तक हम लोगों को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स तो बताते थे, हेल्थ एडवाइजरी जारी करते थे. लेकिन पहली बार अगर हवा जहरीली होगी तो उस पर क्या एक्शन लेना है यानी एक्शन एडवाइजरी क्या होगी, इसके लिए एक योजना तैयार है. इससे काफी मदद मिलने की उम्मीद है.

ये ग्रेडेड एक्शन प्लान सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के लिए है. पंजाब-हरियाणा में ये लागू नहीं होगा. हालांकि ये देखा गया है कि पंजाब के किसान जब पराली जलाते हैं तो उसका असर दिल्ली पर भी पड़ता है. ऐसे में पंजाब को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो इसे नियत्रिंत करें. सेटेलाइट्स के जरिए जहां भी नजर आता है कि ऐसा हो रहा है वहां अधिकारियों और कर्मचारियों के जरिए एक्शन लें. ये प्लान देश में पहली बार लागू हो रहा है, इसलिए कितना सफल होगा ये देखना होगा.

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