नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम के पैर छूने के लिए हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व राज्यपाल का जोधपुर कोर्ट पहुंचना चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल यहां की विशेष अदालत में आसाराम केस की रोजाना सुनवाई हो रही है, इस दौरान रोजाना कड़ी सुरक्षा के बीच आसाराम को कोर्ट में पेश किया जाता है.शनिवार को जब आईटी एक्ट और यौन उत्पीड़न के दो अलग-अलग मामलों में आसाराम की पेशी हुई तो कोर्ट के बाहर दरवाजे पर अपने दो गार्ड को लेकर सिक्किम के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व राज्यपाल सुंदर नाथ भार्गव खड़े थे. आसाराम को जैसे ही जेल के पुलिसकर्मियों ने जेल के वैन से नीचे उतारा, वैन के आगे ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व राज्यपाल भार्गव उनके पैरों में पड़ गए, यही नहीं भार्गव के दोनों सरकारी गार्डों ने भी आसाराम से आशीर्वाद लिया.
इस घटना पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुंदर नाथ भार्गव का कहना था कि वह एक निजी समारोह में जोधपुर आए हुए थे, तो पता चला कि आसाराम पेशी के लिए कोर्ट में आने वाले हैं. इनके दर्शन के लिए वह यहां आ पहुंचे. जब सुनवाई के बाद आसाराम कोर्ट से बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे इस बारे में पूछा. आसाराम का कहना है कि भार्गव हमारे पुराने भक्त हैं, लंबे अरसे से हमें जानते हैं. उनकी मिलने की इच्छा हुई तो चले आए. उनकी न्यायपालिका में भी अच्छी पहचान है, जो भी होगा अच्छा होगा.
बता दें आसाराम और उनका आश्रम यौन उत्पीड़न की शिकायतों के बाद विवादों में आ गया था. अगस्त 2103 में एक नाबालिग ने आसाराम पर आश्रम के भीतर रेप करने का आरोप लगाया था. पीड़िता के परिजनों ने दिल्ली पुलिस से इस मामले की शिकायत की थी. इसके बाद आसाराम को गिरफ्तार किया गया था, बाद में इस केस को जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया.