पेशावर, पाकिस्तान के पेशावर शहर में इमरान खान की सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने शुक्रवार को छात्र संघ पर प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर विरोध रैली की। छात्रों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए छात्रों को सुविधाएं मुहैया कराने की मांग के साथ-साथ तख्तियां और बैनर हाथ मे लेकर जमकर नारेबाजी की। वहीं प्रदर्शनकारियों ने छात्र संघ की बहाली की मांग को सरकार के सामने रखा, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए उचित तरीके से आवाज उठा सकें।
क्या कहा छात्र नेता कासिम खान ने
पेशावर प्रेस क्लब के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए, छात्र नेता कासिम खान ने कहा कि मार्शल लॉ द्वारा छात्र संघों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन बाद की लोकतांत्रिक सरकारों ने भी प्रतिबंध बनाए रखा। उन्होंने इमरान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि छात्र संघों पर प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद 17 का स्पष्ट उल्लंघन है। कासिम खान ने article 17 का जिक्र करते हुए बताया कि इस अनुच्छेद में कहा गया है कि ‘प्रत्येक नागरिक को संप्रभुता या अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता के हित में कानून द्वारा लगाए गए किसी भी उचित प्रतिबंध के अधीन संघ या संगठन बनाने का अधिकार होगा।’
कासिम खान की मांग
छात्र नेता कासम खान ने इमरान खान की सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विडंबना है कि सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के प्रांतीय और संघीय विभागों के कर्मचारियों को अपने चुनाव कराने की अनुमति दी थी, लेकिन छात्र संघों पर प्रतिबंध बरकरार रहा।
आपको बता दें कि छात्र संघ पर प्रतिबंध हटाने के साथ-साथ कासिम खान ने सार्वजनिक क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के लिए पर्याप्त धनराशि और छात्रों के लिए सार्वजनिक परिवहन में आधे किराए की सुविधा की भी मांग की।