बाद में उन्होंने यह पोस्ट हटा दिया. राजा के पोस्ट की निंदा करते हुए स्टालिन ने कहा कि पेरियार की प्रतिमा को किसी को ‘छ्रने तक का हक नहीं है.’ राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा, ‘एच राजा जैसे वरिष्ठ नेता अकसर ऐसे बयान देते हैं जिससे हिंसा भड़क सकती है. मेरा विचार है कि उन्हें गुंडा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.’ सीपीआई के राज्य सचिव के. बालाकृष्णन, द्रविडार कझगम के नेता के. वीरामनी और तमिल समर्थक नेता थोल तिरुमावलवन और सीमान ने भी राजा की आलोचना की और उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की.