चेन्नई. त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने के बाद तर्कवादी नेता ई. वी. रामासामी ‘पेरियार’ की प्रतिमाओं को ढहाने का बयान देकर घिरे बीजेपी नेता एच राजा को सफाई देनी पड़ी है. एच राजा के बयान से तमिलनाडु की राजनीति में विवाद पैदा हो गया है. एच राजा ने कहा है कि उनके फेसबुक पेज पर पेरियार से संबंधित पोस्ट किसी एडमिन ने बिना उनकी अनुमति के की थी. उन्होंने कहा कि जैसे ही मुझे इसका पता चला मैंने उसे डिलीट कर दिया.
एच राजा ने आगे कहा कि हमें बयान और राय देकर जवाब देना है न कि हिंसा से. पेरियार की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करना सही नहीं है. फेसबुक पोस्ट में द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक रामासामी के खिलाफ टिप्पणी करने की राज्य के कई नेताओं ने निंदा की है. मु्द्दे को राजा का निजी विचार बताते हुए बीजेपी की राज्य इकाई ने खुद को किनारे कर लिया है, इसी के बाद इस पोस्ट को हटा लिया गया.
वहीं, तमिलनाडु के मंत्री डी जयकुमार ने एच राजा के बयान पर कहा कि हम इसकी घोर निंदा करते हैं. यह धरती पेरियार की, एमजीआर की और अम्मा की है. हम उनके (एच राजा) विचार को कतई स्वीकार नहीं करेंगे. अगर उन्होंने अपना बयान वापस नहीं लिया तो हम कार्रवाई करेंगे.
पेरियार की प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने के मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिनकी पहचान मुथुरमन और फ्रांसिस के तौर पर हुई है. बीजेपी के तमिलनाडु अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदराजन ने आर मुथुरमन को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
डीएमके, एमडीएमके और लेफ्ट पार्टियों सहित राजनीतिक दलों ने बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राजा के बयान की निंदा की. डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने उन्हें गुंडा एक्ट में गिरफ्तार करने की मांग की है. राजा ने तमिल में लिखे फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘लेनिन कौन है और लेनिन व भारत के बीच क्या संबंध है? भारत का कम्युनिस्टों से क्या संबंध है? आज त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा हटाई गई, कल तमिलनाडु में ई वी रामसामी की प्रतिमा भी हटाई जाएगी.’
बाद में उन्होंने यह पोस्ट हटा दिया. राजा के पोस्ट की निंदा करते हुए स्टालिन ने कहा कि पेरियार की प्रतिमा को किसी को ‘छ्रने तक का हक नहीं है.’ राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा, ‘एच राजा जैसे वरिष्ठ नेता अकसर ऐसे बयान देते हैं जिससे हिंसा भड़क सकती है. मेरा विचार है कि उन्हें गुंडा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.’ सीपीआई के राज्य सचिव के. बालाकृष्णन, द्रविडार कझगम के नेता के. वीरामनी और तमिल समर्थक नेता थोल तिरुमावलवन और सीमान ने भी राजा की आलोचना की और उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की.