नॉनवेज (मांसाहार) के शौकीन लोगों को ये सुनकर झटका लगा सकता है, कि आने वाले 20 सालों यानी की 2040 तक जानवरों को मीट मिलना बंद हो सकता है। ऐसे में नॉनवेज खाने वाले लोगो के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। कुछ सालों में आप पेड़ पौधों से तैयार मीट (मांस) खाएंगे। उसका स्वाद बिल्कुल जानवर के मांस जैसा होगा। यह आप के लिए नुकसान दायक बिल्कुल नहीं होगा।

ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म एटी केर्नी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 20 सालों में दुनिया की जरूरत के हिसाब से 60 फीसदी मांस पेड़-पौधों से तैयार किया जाएगा, जिसका स्वाद बिल्कुल जानवर के मांस की तरह ही होगा।
रिपोर्ट में जो दावा किया गया है, उसको अगर सच मान लें तो 2040 तक 35 फीसदी मीट कल्चर्ड यानी की कृत्रिम तरीके से जबकि 25 फीसदी मीट पेड़-पौधों से तैयार होगा। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि यह मीट न सिर्फ अभी मिल रहे जानवर के मांस से ज्यादा पौष्टिक होगा बल्कि इसमें कैलोरी भी ज्यादा होगी।
अभी तक मांस का मुख्य जरिया जानवरों का मार कर उसके शरीर से मीट निकालना है वहीं कल्चर्ड मीट जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए उनकी कोशिकाओं से तैयार किया जाता है।
मांस के लिए पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर जानवरों को पाला जाता है और यह एक उद्योग का रूप ले चुका है। लेकिन वैज्ञानिक अध्ययन में इस बात की भी तस्दीक करते रहे हैं, कि मांस उद्योग का हमारे पर्यावरण पर नुकसानदायक असर पड़ता है और इससे कार्बन उत्सर्जन में भी बढ़ोतरी होती है।
जानवरों के मीट के लिए उन्हें पालने की जरूरत होती है जिसकी वजह से उनके आहार की खेती के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों को काटा जा रहा है। इससे नदियां भी प्रदूषित हो रही हैं। यही वजह है कि आने वाले दिनों में लोगों के भोजन की जरूरत को देखते हुए पेड़ पौधों से तैयार होने वाले मांस को बनाने की तैयारी चल रही है।
ये भी -यह भगवान की सुरक्षा का सवाल है
ग्लो
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal