अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मेमोगेट कांड में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 2011 का यह विवाद उस चिट्ठी के इर्द-गिर्द है जिसका मसौदा कथित रूप से हक्कानी ने तैयार किया था। इसमें अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादने के मारे जाने के मद्देनजर पाकिस्तान को सैन्य तख्तापलट से बचाने के लिए कथित रूप से ओबामा प्रशासन से मदद की गुहार लगाई गई थी।
नेपाल में गठबंधन सरकार, ‘चीन समर्थक’ ओली बने दूसरी बार पीएम
हक्कानी साल 2008 से 2011 तक अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे। मेमोगेट में कथित भूमिका सामने आने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) ने हक्कानी को पकड़ने के लिए इंटरपोल से रेड वारंट जारी करने का आग्रह किया है। वह इस मामले में कोर्ट के बार-बार के आदेश पर भी पेश नहीं हुए। 2013 में हक्कानी इस वादे के साथ पाकिस्तान से चले गए थे कि कोर्ट के चार दिन के नोटिस पर वह वापस आ जाएंगे। इस पर कोर्ट ने उन्हें देश से बाहर जाने की अनुमति दे दी थी। लेकिन इसके बाद वह पाकिस्तान नहीं लौटे। पिछले साल दिसंबर में उनके खिलाफ पाकिस्तान सरकार और सेना की छवि बिगाड़ने वाला भाषण देने और किताब लिखने के आरापों में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal