पुलिस की लचर पैरवी के चलते पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के परिवार को राहत मिलनी शुरू हो गई.. 

हजार का इनाम होने पर 28 नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी। आरोप पत्र दाखिल कर पुलिस ने याकूब और उसके परिवार समेत सात लोगों पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी दर्ज कर लिया था।

पुलिस की लचर पैरवी के चलते पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के परिवार को राहत मिलनी शुरू हो गई है। याकूब के छोटे बेटे फिरोज उर्फ भूरा शुक्रवार को सिद्धार्थनगर जेल से रिहा कर दिया है। उसे दिल्ली में रिश्तेदारी में रखा गया है। 31 मार्च को खरखौदा के अलीपुर स्थित अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लि. में मीट पैकेजिंग और प्रोसेसिंग की जा रही थी। पुलिस ने करीब पांच करोड़ रुपये कीमत का मीट बरामद किया था। 53 नमूने पास होने पर उक्त मीट रिलीज कर दिया गया। तब पुलिस ने पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी उनके बेटे इमरान, फिरोज और पत्नी शमजिदा समेत 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।

सिद्धार्थनगर जेल में था शिफ्ट

28 नवंबर को पुलिस ने गाजियाबाद के वसुंधरा अपार्टमेंट से फिरोज उर्फ भूरा को जेल भेज दिया था। दो माह चौधरी चरण सिंह जेल में रहने के बाद फिरोज को सिद्धार्थनगर जेल में शिफ्ट कर दिया था। 96 दिन बाद कोर्ट से तीन मुकदमों में जमानत मिलने के बाद शुक्रवार सुबह सात बजे सिद्धार्थनगर जेल से फिरोज को रिहा कर दिया। परिवार के सदस्य अभी फिरोज को मेरठ लेकर नहीं पहुंचे हैं, उसे दिल्ली में रखा गया है। शर्त रखी गई है कि पुलिस की कार्रवाई में फिरोज उर्फ भूरा पूरा सहयोग करेगा।

किस मुकदमे में क्या स्थिति पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी

याकूब कुरैशी के खिलाफ धोखाधड़ी, गैंगस्टर एक्ट और अदालत के आदेश की अवमानना का मुकदमा दर्ज है। उससे पहले देहलीगेट में कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले बयान के आरोप में याकूब को जमानत मिल चुकी है। धोखाधड़ी, गैंगस्टर एक्ट और अदालत के आदेश की अवमानना में जमानत के लिए अर्जी लगाई है। याकूब को सात जनवरी को जेल भेजा गया था। 17 जनवरी को उसे मेरठ जेल से सोनभद्र में स्थानांतरित कर दिया।

इमरान कुरैशी : याकूब के बड़े बेटे इमरान कुरैशी पर धोखाधड़ी, गैंगस्टर एक्ट और अदालत के आदेश की अवमानना का मुकदमा दर्ज हुआ था। सात जनवरी को इमरान को पुलिस ने जेल भेज दिया था। 17 जनवरी को मेरठ से बलरामपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इमरान की तीनों मुकदमों में कोर्ट से जमानत हो चुकी है। अवमानन के मुकदमे में रिहाई आर्डर जेल को अभी तक नहीं मिला।

पुलिस ने पर्याप्त पैरवी की है। अदालत से जमानत मिलने के बाद फिरोज को रिहा कर दिया है। जेल से बाहर आकर फिरोज ने कानून को हाथ में लेने की कोशिश की तो फिर गिरफ्तारी की जा सकती है। मेरठ आने पर फिरोज पर निगरानी रखी जाएगी। – रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी

14ए की कार्रवाई से पुलिस क्यों खींच रही हाथ?

याकूब कुरैशी और परिवार पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित जेल भेजे जा चुके हैं। एक की जमानत पर रिहाई भी हो चुकी है। उसके बाद भी पुलिस याकूब परिवार की संपत्ति को चिह्नित नहीं कर पाई है। चर्चा है कि पुलिस 14ए (अवैध तरीके से कमाई संपत्ति जब्तीकरण) की कार्रवाई से हाथ खींच रही है। इसके पीछे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा होने लगा है, जबकि मुख्यमंत्री विधानसभा में माफिया को मिट्टी में मिलाने का एलान कर चुके हैं। मेरठ पुलिस एक साल में भी याकूब कुरैशी की संपत्ति जब्त नहीं कर पाई है। 

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