नए साल से पहले जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है. फिदायीन आतंकियों ने अवंतिपुरा के लीथपोरा में सीआरपीएफ कैंप को निशाना बनाया है. ट्रेनिंग कैंप पर हुए इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए हैं. घंटों बाद सुरक्षाबलों ने 2 आंतकियों को मार गिराया. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए मोहम्मद ने ली है.
जैश के फिदायीन आतंकी कड़ाके की ठंड के बीच रविवार रात दो बजकर 10 मिनट पर कैंप में घुसे थे. आतंकियों ने पहले यहां ग्रेनेड से हमला किया और इसके बाद अधाधुंध फायिरंग शुरू कर दी. सीआरपीएफ जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तो आतंकी कैंप में बनी एक इमारत में घुस गए. फिलहाल गोलीबार बंद हो गई है और इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है.
जहां आतंकियों छुपे हुए थे, वो वो चार मंजिला इमारत है. बताया जा रहा है कि आतंकी बिल्डिंग के चौथे माले पर मौजूद थे और यहीं से फायरिंग कर रहे थे. इस बिल्डिंग में सीआरपीएफ सेंटर का एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक है, जहां कंट्रोल रूम भी है. ये भी जानकारी मिली है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस कैंप पर फिदायीन हमले की स्पेसिफिक चेतावनी दी थी.
ऐसी है पूरी इमारत
चार मंजिला इस इमारत में 3 ब्लॉक हैं. बिल्डिंग का पहला ब्लॉक अधिकारियों के आवासीय परिसर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. जबकि दूसरे ब्लॉक में मेन ऑफिस के साथ क्षेत्राधिकारी कार्यालय भी है. आतंकियों ने ब्लॉक नंबर 3 को अपना टारगेट बनाया है.
इस ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर पर अस्पताल है, जबकि पहले फ्लोर पर सिग्नल सेंटर, कंट्रोल रूप और स्टोर है. दूसरे और तीसरे फ्लोर खाली हैं. इस ब्लॉक में टाइप 2 क्वार्टर के पास एक जवान पोजिशिन लिए हुआ था और आतंकियों ने उसे निशाना बनाया. अभी भी आतंकी इसी बिल्डिंग में मौजूद हैं और सुरक्षाबलों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है.
जैश ने ली जिम्मेदारी
मीडिया को वट्सऐप मेसेज भेजकर जैश ए मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली. आतंकी संगठन का कहना है कि यह फिदायिन हमला उनके आतंकी कमांडर नूर त्राली की मौत का बदला लेने के लिए किया गया है.
सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी अतिरिक्त सहायता लेकर कैंप पहुंच चुके हैं. सीआरपीएफ का कहना है कि इस बात की पूरी आशंका है कि दूसरे कैंपों में भी इस तरह के हमले हो सकते हैं.
पिछले हफ्ते जम्मू के पुलवामा में सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए जैश कमांडर नूर त्राली को मार गिराया था. सूत्रों के अनुसार सेना को सोमवार को पुलवामा में आतंकियों के होने की जानकारी मिली थी. सेना ने एसओजी और सीआरपीएफ के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था.