जेल में कैदियों की कारीगरी, पुराने नोटों को बदल रहे हैं फाइल पैड में
चेन्नै की एक जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हुए पुराने नोटों को शानदार तरीके से उपयोग में लाने का काम कर रहे हैं। वे टुकड़े-टुकड़े में कटे इन नोटों को स्टेशनरी के सामान में बदल रहे हैं। आइए देखते हैं कैदियों के इस अनूठे काम के बारे में…
कैदियों का विशेष दल बना रहा फाइलें
चेन्नै की पुजहल सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे कैदियों में से विशेष रुप से प्रशिक्षित 25-30 कैदियों का एक दल यहां हाथ से बने फाइल पैड का निर्माण कर रहा है।
सरकारी विभागों में हो रहा उपयोग
प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के विभागों और एजेंसियों में इन स्टेशनरी सामानों का उपयोग हो रहा है।
रिजर्व बैंक ने की थी 70 टन नोट की पेशकश
तमिलनाडु जेल विभाग के प्रभारी पुलिस उप महानिरीक्षक ए मुरगेसन ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हुए टुकड़ों में फटे 70 टन नोट देने की पेशकश की थी।
जेल को मिले 9 टन पुराने नोट
पुजहल जेल को अब तक इनमें से 9 टन नोट मिले हैं, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से उपयोग में लाया जा रहा है। फाइल पैड बनाने में अब तक 1.5 टन प्रतिबंधित नोटों का इस्तेमाल हो चुका है।
महीने में 25 दिन बनाते हैं फाइलें
सजा काट रहे कैदियों को एक महीने में 25 दिन फाइल पैड बनाने का काम दिया जाता है।
कुशलता पर निर्भर है मेहनताना
उन्हें यहां 8 घंटे तक काम करने के लिए 160 रुपये से 200 रुपये तक रोजाना मेहनताना दिया जाता है। कैदियों को दिया जाने वाला मेहनताना उनकी कुशलता पर निर्भर करता है।