नई दिल्ली, केंद्र सरकार उन सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना देने पर विचार कर रही है, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले जारी किए गए थे। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह के मुताबिक इस मुद्दे पर कानून मंत्रालय से राय मांगी गई है, उनका जवाब आने के बाद इस पर फैसला हो जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार ने इस मैटर को कानून मंत्रालय के अधीन कर दिया था। लेकिन अभी उनका जवाब नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि वित्तीय सेवा विभाग पेंशन ओर पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपी एंड पीडबल्यू) उन कर्मचारियों को एनपीएस के दायरे से बाहर करने के संबंध में उचित निर्णय ले सकता है और उन्हें ओपीएस के तहत कवर कर सकता है। ये वे कर्मचारी होंगे, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 01 जनवरी 2004 को या उससे पहले जारी किया गया था।
संसद में केंद्रीय मंत्री से यह सवाल पूछा गया था कि क्या पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए वित्तीय सेवा विभाग (डीएफ़एस) और कानून मंत्रालय से उन कर्मचारियों को एनपीएस से बाहर करने और उन्हें पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने के लिए विचार मांगे हैं, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले जारी किए गए।
दूसरी तरफ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कुछ दिन पहले संसद में बयान दिया था कि सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में आने वाले रिक्रूट को पुरानी पेंशन योजना का फायदा देने का कोई विचार नहीं है। उनसे पूछा गया था कि 1 जनवरी 2004 के बाद पैरामिलेट्री में आने वाले जवानों को OPS का फायदा मिलेगा या नहीं। उनके मुताबिक सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन रूल्स 1972 के तहत पैरामिलेट्री स्टाफ को पेंशन और दूसरे बेनिफिट मिल रहे हैं। लेकिन उन्हें न्यू पेंशन स्कीम में ही रहना होगा।
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