पुणे में एक 60 वर्षीय रिक्शाचालक ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। इस रिक्शाचालक ने रुपयों और जेवर से भरा एक बैग उसके सही मालिक को लौटाया। बैग में करीब सात लाख रुपये की नकदी और जेवर मौजूद थे।
बुधवार को एक जोड़ा केशव नगर इलाके में विट्ठल मापारे के तिपहिया रिक्शे पर बैठा था और हदपसर बस अड्डे पर उतरा था। पुलिस ने बताया कि रिक्शे पर बैठा जोड़ा इस दौरान अपना बैग रिक्शे में ही भूल गया।
मापारे ने घटना के बारे में बताया, ‘मैंने बीटी कावड़े रोड पर चाय पीने के लिए रिक्शा रोका था। तब मैंने देखा कि पिछली सीट पर एक बैग पड़ा हुआ था। मैंने इसे खोला नहीं और घोरपड़ी चौकी ले गया और सब इंस्पेक्टर विजय कदम को दिया।’
सब इंस्पेक्टर कदम ने बताया, बैग खोलने पर हमें 11 तोले के सोने के जावरात और 20 हजार रुपये की नकदी मिली, पूरे सामान की कुल कीमत सात लाख रुपये थी। बैग में कुछ कपड़े भी थे। हमने हदपसर पुलिस थाने से संपर्क किया।
उन्होंने कहा, ‘वहां से हमें पता चला कि महबूब और शहनाज शेख पहले ही उनके पास पहुंच चुके थे और बैग खोने की शिकायत दर्ज कराई थी। मुंढवा पुलिस स्टेशन पर उनका बैग उन्हें दिया गया और मापारे को डिप्टी कमिश्नर सुहास बावचे ने सम्मानित किया।’
बीते कई सालों से रिक्शा चला रहे मापारे किराये के एक मकान में रहते हैं। उनका बेटा एक निजी कंपनी में काम करता है। मापारे ने कहा कि वह पिछले दो दिनों से मिल रही तारीफों से खुश हैं। वह इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा ईनाम मानते हैं।
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