मासिक धर्म के दौरान कई ऐसे फूड्स होते हैं जो फायदेमंद होते हैं और कुछ नुकसानदायक। पपीते को लेकर भी कई लोगों के मन में ऐसी धारणा है कि वे हानिकारक हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में।
पीरियड का नाम सुनते ही सबसे पहले जो चीज याद आती है वो है दर्द, असहजता और मूड स्विंग्स। इस दौरान कई बार अधिक भूख लगती है और कई बार कुछ भी खाने का मन नहीं करता। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पीरियड्स के दौरान डाइट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कुछ फूड्स हमें दर्द से राहत दिला सकते हैं, तो कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो हमारी समस्या बढ़ा सकती है। इसलिए हमें उन्हें खाने से परहेज करना चाहिए। ऐसा ही एक फूड आइटम है, जिसे लोग पीरियड्स और गर्भावस्था के दौरान खाने से बचने की सलाह देते हैं, वह है पपीता। लेकिन क्या यह सच है?
गर्भावस्था के दौरान पका हुआ पपीता खाना स्वस्थ है, लेकिन कच्चा पपीता नहीं। कच्चा पपीता लेटेक्स और पपैन से भरा होता है, जो गर्भाशय के संकुचन को प्रेरित करके गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं और जल्दी लेबरपेन को प्रेरित कर सकता है।
वहीं पीरियड्स के दौरान भी सलाह दी जाती है कि पपीते का सेवन करते समय सावधानी बरतें। लेकिन क्या वाकई में पपीता पीरियड साइकल को प्रभावित कर सकता है? चलिए जानते हैं।
पपीता खाना चाहिए या नहीं?
पपीते के पके और कच्चे सिद्धांत के अलावा, आमतौर पर यह भी माना जाता है कि पपीते की तासीर गर्म होती है, जो शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा कर सकता है और भ्रूण और मासिक धर्म दोनों को बाधित कर सकता है।
हालांकि, इसे साबित करने के लिए कोई शोध नहीं किया गया है कि इस सुपरफूड को खाने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है और कई गंभीर समस्या हो सकती है।
वहीं विशेषज्ञों की मानें तो, अध्ययनों के अनुसार, पका हुआ पपीता खाने से नुकसान नहीं होता है और मासिक धर्म के दौरान महिला को दर्द से राहत दिलाता है। भले ही पपीता एक गर्म फल है, लेकिन पीरियड साइकल पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है।
जानकारों के मुताबिक पीरियड्स के दौरान पपीता खाना सुरक्षित और फायदेमंद है। इससे आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन और खनिज प्राप्त होंगे, जो पीरियड्स में सुधार कर सकते हैं और सूजन और कब्ज को भी रोक सकते हैं। लेकिन यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
फाइबर, एंजाइम और ग्लाइकोसाइड के अलावा पपीते में फाइटोकेमिकल्स, विटामिन, खनिज, कार्ब्स और प्रोटीन भी होते हैं। इसके अलावा, इसमें महत्वपूर्ण मात्रा में फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं। चलिए जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान पपीता खाने से क्या फायदे हो सकते हैं।
1. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है
पपीता गर्भाशय की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह में सुधार कर सकता है। इसके अलावा, पपीते की कैरोटीन सामग्री आपको दर्द या ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करेगी।
2. आंत के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता है
पाचन से राहत देकर, पपीता उन महिलाओं की सहायता कर सकता है जो गंभीर ऐंठन और अनियमित मासिक धर्म से पीड़ित हैं। इसमें फाइबर और पानी की मात्रा होती है जो मल त्याग को नियंत्रित करती है और मासिक धर्म के दौरान होने वाले कब्ज से बचाती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा न खाएं।
3. पीरियड साइकल में सुधार करता है
नियमित रूप से पपीता खाने से गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़ने में मदद मिलती है। शरीर में गर्मी पैदा करने के अलावा इसमें कैरोटीन भी होता है। पपीता शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है।