हाथरस कांड के बाद से परिवार वाले लगातार पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने उनकी मांग मान ली है. एसपी विनीत जायसवाल ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़िता के भाई समेत परिवार के सदस्यों को पुलिस प्रोटेक्शन दी गई है. सोमवार रात को मैंने खुद भी पीड़ित परिवार के लोगों से बात की थी और उन्हें हर तरह से सुरक्षा देने का आश्वासन दिया था. पुलिस द्वारा की गई व्यवस्था से परिवार के लोग संतुष्ट हैं. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में किसी तरह की पंचायत करने की इजाजत नहीं दी गई है.
इससे पहले पीड़िता के भाई ने मीडिया से बात करते हुए पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की थी. उन्होंने कहा कि हमें धमकी मिल रही है. हम काफी डरे हुए हैं. आने वाले समय में हमें और कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए हमें पुलिस सुरक्षा दी जाए.
हाथरस गैंगरेप केस में अलग-अलग याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें एक मुद्दा परिवार की सुरक्षा भी थी. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से हलफनामा दाखिल कर सुरक्षा को लेकर जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी.
सुनवाई के दौरान अदालत ने पीड़ित पक्ष, गवाहों की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार से जवाब मांगा, जिसके बदले में सरकार ने कल तक हलफनामा दायर करने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित परिवार, गवाहों की सुरक्षा की तय करेगी कि हाथरस केस की जांच सही हो रही है या नहीं.
वहीं हाथरस गैंगरेप केस को लेकर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि पोस्टर और सोशल मीडिया के जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि जातीय हिंसा फैलाने की नीयत से सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. पीड़ित परिवार के घर के आसपास भ्रामक सूचनाओं के जरिए उन्माद फैलाने का प्रयास किया जा रहा है.
एडीजी ने कहा कि माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. कुछ लोगों ने हाथरस की घटना को लेकर अमन-चैन बिगाड़ने का प्रयास किया है. वायरल ऑडियो के जरिए भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि पहला मुकदमा हाथरस के चंदपा थाने में दर्ज हुआ है. हाथरस में तैनात अधिकारियों से उलझने, बैरिकेडिंग तोड़ने के मामले में भी मुकदमा दर्ज किया गया है.