लखनऊ। यहां की एक घटना रिश्तों पर से भरोसा उठा देती है। तांत्रिक की बात पर भरोसा करके मां-पिता और भाई ने एक लड़की की जिंदगी का मजाक बना दिया। 18 जुलाई 1988 को जन्मी शिखा (परिवर्तित नाम) 14 साल तक नानी के घर पर रही। नया घर बनने के बाद में वह पहली बार अपने माता-पिता के साथ रहने के लिए आई।
तब उसके पिता सदन सिंह अचानक बीमार हो गए। घरवालों ने डॉक्टरों की जगह तांत्रिक को झाड़-फूंक के लिए बुलाया। उसने बताया कि पिता के ऊपर बेटी का साया है। इससे बचने के लिए उसे पिता के साथ शारीरिक संबंध बनाने होंगे। शिखा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके घर वाले ही उसकी जिंदगी को नर्क बना देंगे।
पीड़िता की मां ने ही उसे पिता के पास संबंध बनाने के लिए भेज दिया। इसके बाद में यह अत्याचार उसके साथ अगले दो साल तक रोज होता रहा। पढ़ाई करने के बाद उसका भाई घर लौटा, तो शिखा को लगा कि शायद अब उसके साथ होने वाला अत्याचार खत्म होगा।
मगर, पिता की तरह ही मतिहीन भाई भी इस अपराध का विरोध करने के बजाय शिखा से रेप करने लगा। पिता और पुत्र ने मिलकर 9 साल में कम से कम 3000 दिनों तक शिखा का रेप किया। इससे वह 8 बार गर्भवती भी हुई, लेकिन हर बार मां ने बच्चा गिरवा दिया।
पूरी तरह से टूट जाने के बाद में भी शिखा ने हार नहीं मानी और वह 6 सितंबर 2013 को बेरोजगारी भत्ता का फॉर्म भरने के बहाने घर से निकली। इसके बाद में उसने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जनता दरबार पहुंच अपने ऊपर होने वाले अत्याचार के बारे में बताया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए। इसके बाद मां-बाप और भाई को जेल भेज दिया गया। साथ ही शिखा को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आशा नाम के एक एनजीओ की मदद से ब्यूटिशियन का कोर्स करके अब वह सम्मान के साथ रह रही है।