गर्मी अपने चरम पर है। आसमान से बरस रही आग लोगों को झुलसा रही है। दिन चढ़ने के साथ-साथ गर्मी बढ़ती गई। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार राजधानी में तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 44.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बीते दस सालों में मई इतना गर्म नहीं रहा। हालांकि मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि रविवार को तापमान में कुछ कमी आ सकती है।
केवल लखनऊ ही नहीं प्रदेश के ज्यादातर शहरों में तापमान सामान्य के मुकाबले कहीं ज्यादा रिकार्ड हुआ। इलाहाबाद 46.6 के साथ सबसे गर्म शहर रहा। झांसी, आगरा, उरई में भी पारा 46 पार गया। सुलतानपुर में तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 45 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं कि प्रदेश के कई शहर ग्रीष्म लहर की चपेट में हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में आंधी के साथ बौछारें पड़ने की उम्मीद है। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
उधर, लखनऊ विश्वविद्यालय में लगे वेदर स्टेशन के अनुसार यूनीवर्सिटी के आसपास शनिवार को अधिकतम तापमान 47.29 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 31.58 डिग्री सेल्सियस रहा। जियोलॉजी विभाग के प्रो.ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि बीती 21-22 मई को ग्रीष्म संक्रांति थी। इसके आगे-पीछे चार-पांच दिन सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर लंबवत पड़ती हैं। इससे दिन बड़ा होता है जबकि रातें छोटी। यानी सूर्य की किरणें पृथ्वी को ज्यादा देर गर्म करती हैं, जबकि पृथ्वी ठंडी होने का वक्त कम हो जाता है। यानी पृथ्वी ठंडी भी नहीं हो पाती है कि फिर से नए दिन की शुरुआत हो जाती है, जिससे वह और गर्म होने लगती है। यही कारण है कि दिन बेहद गर्म हो जाते हैं। जैसे इसका असर कम होगा तापमान गिरेगा और राहत मिलेगी।