नई दिल्ली|पाकिस्तान में तैनात डिप्लोमैट्स के बच्चों की इस्लामाबाद में पढ़ाई-लिखाई पर भारतीय विदेश मंत्रालय के फैसले पर नवाज शरीफ सरकार राजनीति करती हुई दिख रही है। दरअसल बात यह है कि नई दिल्ली ने फैसला जून 2015 में ही लिया था और इसे एक साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने अपने मीडिया को लीक किया है।
पाक में तैनात दिप्लोमैट्स के बच्चे नही ले पाएंगे हिस्सा
भारत के फैसले के मुताबिक पाकिस्तान में तैनात उसके डिप्लोमैट्स के बच्चे इस ऐकडेमिक सेशन की शुरुआत से वहां के स्कूलों में नहीं पढ़ेंगे। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में अपने उच्चायोग के स्टाफ से उनके बच्चों को अगले ऐकडेमिक ईयर के लिए वापस भेजने को कहा है। इसके पीछे पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति का कारण बताया गया है।
पाकिस्तानी मीडिया में सोमवार को इससे जुड़ी रिपोर्ट आने के बाद मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा, ‘सभी देशों के लिए अपने डिप्लोमैटिक मिशंस से जुड़ी पॉलिसीज की समीक्षा करना एक सामान्य काम है। इसमें उन देशों में मौजूदा परिस्थितियों पर विचार भी शामिल है। इस ऐकडेमिक सेशन से इस्लामाबाद में तैनात उच्चायोग के अधिकारियों को अगले नोटिस तक, अपने बच्चों की एजुकेशन का इंतजाम पाकिस्तान से बाहर करने की सलाह दी गई है।’
पड़ोसी देश के मीडिया में इस खबर के लीक होने के समय पर प्रश्न उठाते हुए सूत्रों ने दावा किया है कि यह पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने ऐसी तस्वीर पेश करने की चाल है कि भारत और पाकिस्तान राजनयिक युद्ध की कगार पर खड़े हैं।
इन घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के शोरगुल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई असर नहीं होने के मद्देनजर पाकिस्तान के कुछ डिपार्टमेंट्स स्पष्ट तौर पर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान का मकसद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताना है कि बच्चों को स्कूल से निकालने के बाद भारत राजनयिक संबंधों को कमजोर कर सकता है और सेना की तैनाती भी बढ़ा सकता है।’
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार ‘द डेली टाइम्स’ ने लिखा है, ‘गर्मी की छुट्टी की वजह से स्कूल अभी बंद हैं और सूत्रों ने पुष्टि की है कि अगले महीने स्कूलों के खुलने पर भारतीय बच्चे उपस्थित नहीं होंगे। इस फैसले से पाकिस्तान के राजनियकों को झटका लगा है और उन्हें आशंका है कि इससे दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो सकते हैं।’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत सरकार ने पाकिस्तान को ‘स्कूल नहीं जाने वाला मिशन’ घोषित किया है और अपने उच्चायोग के कर्मचारियों से वापस लौटने या स्कूल जाने वाले अपने बच्चों को भारत भेजने के लिए कहा है। इस फैसले से इस्लामाबाद में उच्चायोग के बहुत से कर्मचारियों को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए वापस जाना पड़ेगा।’
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट्स यह संकेत दे रही हैं कि वहां की सरकार राजनयिक संकट की एक स्थिति पैदा करना चाहती है।
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